सुपर सीरीज फाइनल्स में रंग जमाना चाहती हैं साइना नेहवाल
नई दिल्ली: अगले हफ्ते दुबई में होने वाले सुपर सीरीज फाइनल्स में साइना नेहवाल पर नजरें होंगी। उनसे दुनिया की 8 एलीट बैडमिंटन खिलाड़ियों वाले इस टूर्नामेंट में एक बार फिर बड़ी उम्मीद है। गुरुवार को जारी हुई ताजा वर्ल्ड रैंकिंग में भी साइना नेहवाल नंबर 2 पर और स्पेन की कैरोलिना मारिन नंबर 1 पर बरकरार हैं।
साइना के लिए यह साल शानदार रहा है। इस साल साइना न केवल वर्ल्ड नंबर 1 बनीं, बल्कि ऑल इंग्लैंड और वर्ल्ड चैंपियनशिप टूर्नामेंट में पदक भी जीते। लेकिन साइना को अपनी चोट से शिकायत है। वो कहती हैं कि अगर वो चोटिल नहीं होतीं तो और ख़िताब जीत सकती थीं।
साइना कहती हैं कि बड़े टूर्नामेंट का दबाव खिलाड़ि वो अकेली खिलाड़ी हैं जो तीन अहम टूर्नामेंट में (ऑल इंग्लैंड, वर्ल्ड चैंपियनशिप और चाइना ओपन) में उपविजेता रहीं, जबकि दो में विजेता रहीं। उनका मानना है कि जिन दो में कैरोलिना मारिन (ऑल इंग्लैंड और वर्ल्ड चैंपियनशिप) और तीसरे में ली ज़ुएरेई (चाइना ओपन) विजेता रहीं, वहां उन्हें भी जीत हासिल हो सकती थी।
इस साल साइना नेहवाल ने इंडिया ओपन के खिताब पर कैरोलिना मारिन को हराकर फाइनल का खिताब जीता। ऑल इंग्लैंड के फाइनल में पहुंचने वाली वो पहली महिला भारतीय खिलाड़ी बनीं। इंडिया ओपन के फाइनल में थाईलैंड की रैटचेनॉक इंटेनॉन को हराकर पहली बार इंडिया ओपन सुपर सीरीज का खिताब जीता और वर्ल्ड नंबर 1 खिलाड़ी भी बन गईं। इसी साल अगस्त में जकार्ता में वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।
25 साल की साइना नेहवाल कहती हैं, “वर्ल्ड नंबर 1 बनना सबसे ज्यादा संतोष की बात है, लेकिन तीन बड़े टूर्नामेंट का उपविजेता होना मेरे करियर के लिए बहुत उत्साह बढ़ाने वाली बात नहीं।”
रियो ओलिंपिक्स तक बेंगलुरु में कोच विमल कुमार के साथ तैयारी कर रहीं, साइना नेहवाल अपनी कामयाबी में कोच विमल कुमार का बड़ा हाथ मानती हैं। उनके मुताबिक उनकी फिटनेस और उनके हुनर को मांजने में ‘विमल सर’ ने बेहद अहम रोल अदा किया है। साइना 2011 में BWF सुपर सीरीज फाइनल्स के फाइनल में खेल चुकी हैं, जबकि तीन बार सेमीफाइनल तक का सफर तय कर चुकी हैं। इस बार साइना पूरी तरह फिट रहीं, तो इस टूर्नामेंट से गोल्ड मेडल की उम्मीद रहेगी।