सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 10 दिन में माँगा जवाब, बताएं कब होगी लोकपाल की नियुक्ति
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह 10 दिनों में उसे बताए कि कब तक लोकपाल की नियुक्ति की जाएगी। लोकपाल की नियुक्ति में हो रही देरी की वजह से कोर्ट ने सरकार पर तल्खी जाहिर की। जस्टिस रंजन गोगोई और आर भानुमति की बेंच ने सरकार से लोकपाल की नियुक्ति के लिए उठाए जाने वाले संभावित कदमों की जानकारी देने के लिए एक हलफनामा जमा करने को कहा है।
कोर्ट में केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बेंच के सामने लोकपाल की नियुक्ति के संबंध में सरकार की ओर से प्राप्त लिखित निर्देश सौंपे। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी। इस मामले की सुनवाई कोर्ट एक एनजीओ कॉमन कॉज की तरफ से दायर याचिका पर कर रही है। जिसने पिछले साल 27 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बावजूद लोकपाल की नियुक्ति ना होने को उठाया है।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि प्रस्तावित संशोधनों के संसद में पारित होने तक लोकपाल कानून को निलंबित रखना न्यायोचित्त नहीं है। वहीं भाजपा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाती रही है लेकिन केंद्र में उसकी सरकार बनने के बाद भी लोकपाल की नियुक्ति की दिशा में अभी तक कुछ खास हासिल नहीं किया जा सका है।
केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के शुरुआती दिनों में कहा गया था कि लोकपाल के चयन के लिए नेता प्रतिपक्ष की जरूरत है, जो मौजूदा सरकार में नहीं है। जिस वजह से लोकपाल के गठन में दिक्कत आ रही है। ज्ञात हो कि यूपीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान अन्ना हजारे ने लोकपाल तथा लोकायुक्त नियुक्त करने की मांग की गई थी।