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सूखती के नाम पर फड़ प्रभारी किसानों से ले रहे अधिक धान

कोरबा: एक ओर जहां किसान 2500 रुपये प्रति च्ंिटल धान की कीमत होने से प्रसन्न नजर आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनसे तौल में फड़ प्रभारी की ओर से उपार्जन केंद्र में सूखती के नाम अधिक धान ले रहे हैं। प्रति बोरे में किसानों से एक से डेढ़ किलो अतिरिक्त धान लिया जा रहा है। मामले में प्रशासन स्तर पर कार्रवाई नहीं किए जाने से किसान उपर्जान केंद्रों में ठगी का शिकार हो रहे हैं। कुदुरमाल उपार्जन केंद्र में किसानों से जहां खुद तौल कराया गयाए वहीं किसानों ने बताया कि उनसे 41 किलो 300 ग्राम धान लिया गया है। पूर्व में तौली जा चुकी बोरियों की जांच करने पर उनमें वजन 41 किलो 200 ग्राम से भी ज्यादा मिले। उपार्जन केंद्र कुदुरमाल में फड़ प्रभारी चंद्रकुमार राठौर से जब इस संबंध में चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि धान का तौल स्वयं किसानों ने किया है। मजदूर कम होने की बात कहकर पडों में किसानों से काम कराया जा रहा है। नियमानुसार किसान जब धान लाते हैं तो उसे तिरपाल बिछाकर ढाला जाता है, ताकि उसका परीक्षण किया सके। केंद्र में नियम विरुद्ध धान को एक बोरी से दूसरी बोरी में पलटी की जा रही है। उपार्जन केंद्र कनकी में तो फड़ प्रभारी वेदप्रकाश वैष्णव ने स्वीकार करते हुए बताया कि 400 से 600 ग्राम तक अतिरिक्त धान किसानों से लिया गया है। फड़ में एक ओर किसानों अतिरिक्त धान लिया जा रहा, वहीं मिलिंग के लिए भेजी जा रही बोरियों में कम धान पाए जा रहे हैं। कनकी में मिलर्स को भेजने के लिए तैयार रखे छह बोरियों के सैंपल में पांच बोरियों के वजन आवश्यकता से काफ ी कम पाया गया। कई बोरी में न्यूनतम 39 किलो 200 ग्राम का भराव पाया गया। अव्यवस्था से एक तरफ तो ज्यादा तौल कर किसानों को हजारों रुपये का चूना लगाकर फड़ प्रभारी अपनी जेब भरने में लगे हैं, वहीं कम धान भेजकर सरकार के साथ छलावा कर रहे हैं। कटबितला के किसान रामप्रसाद राजवाड़ के समक्ष ही उनके धान की खरीदी की जा चुकी बोरियों को तौला गया। इसमें 400 से 600 ग्राम तक ज्यादा निकला। किसान ने बताया कि 41 किलो 200 ग्राम तक धान लिया जा रहा है। प्रशासन व समिति स्तर पर मामले में निरीक्षण नहीं किए जाने से किसानों का अहित हो रहा है।

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