सूर्य को जल चढ़ाते समय ना करे ये गलती, वरना फायदे की जगह होंगे नुकसान
लेकिन क्या आप जानते हैं कि सूर्यदेव को सही तरीके से जल चढ़ाने के भी कुछ नियम कायदे होते हैं. यदि आप ने इन्हें जल चढ़ाने में थोड़ी सी भी गलती कर दी तो ये आपका महंगा पढ़ सकता हैं. सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय की गई गलतियों से आपका फायदा होने की बजाए नुकसान भी हो सकता हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिनका पालन आपको जरूर करना चाहिए और साथ ही कुछ ऐसी गलतियाँ हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए.
1. सूर्यदेव को कभी भी बिना स्नान किए जल नहीं चढ़ाना चाहिए. जिस तरह आप बाकी देवताओं की पूजा स्नान करने के बाद ही करते है ठीक वैसे ही सूर्यदेव की पूजा भी स्नान के बाद ही होती हैं. कई बार कुछ लोग सुबह जल्दी स्नान नहीं कर पाते हैं तो बिना नहाए ही सूर्य को जल चढ़ा देते हैं जो कि गलत हैं. ऐसा करने से सूर्यदेव नाराज़ हो सकते हैं और आपके साथ कुछ बुरा भी हो सकता हैं.
2. सूर्यदेव को हमेशा नंगे पैर ही जल चढ़ाना चाहिए. कई बार लोह जल चढ़ाने के लिए छत पर या घर के बहार जाते हैं. ऐसे में धुल, कंकड़ या तपती जमीन से बचने के लिए पाँव में चप्पल पहन लेते हैं और सूर्य को जल चढ़ा देते हैं. इस तरह की गलती भूलकर भी ना करे. हिंदू धर्म में सभी देवी देवताओं की पूजा नंगे पैर ही की जाती हैं ऐसे में सूर्यदेव इससे भिन्न नहीं हैं. यदि आप चप्पल पहनकर उनकी पूजा करते हैं या फिर जल चढ़ाते हैं तो वे गुस्सा हो सकते हैं और आपका दुर्भाग्य भी शुरू कर सकते हैं.
3. अक्सर लोग सूर्यदेव को जल्द चढ़ाने के बाद चले जाते है. लेकिन आपको इस जल को चढ़ाने के तुरंत बाद अपने स्थान पर घूम कर परिक्रमा भी लगानी चाहिए. आप कम से कम 7 बार सूर्य की परिक्रमा जरूर लगाए. इससे आपको ढेर सारा फायदा मिलेगा.
4. सूर्यदेव को जल हमेशा शांत और साफ मन से चढ़ाना चाहिए. यदि आप ने सुबह सुबह किसी से लड़ाई झगड़ा किया हैं या आप गुस्से के मूड में हैं तो सूर्यदेव को जल ना चढ़ाए. जब आपका मन पूरी तरह शांत हो जाए और दिमाग में अच्छे विचार आए तभी सूर्यदेव को जल चढ़ाए. इस तरह आपको मनोकामना सूर्यदेव तक जल्दी और कारगर तरीके से पहुचेगी.