सेंसर बोर्ड ने जनरल वैद्य के हत्यारों पर बनी फिल्म रोकी
नयी दिल्ली। सेंसर बोर्ड ने विवादास्पद फिल्म द मास्टरमाइंड जिंदा सुखा-रीयल स्टोरी को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। इस फिल्म में पूर्व सेना प्रमुख ए एस वैद्य की हत्यारों का कथित तौर पर महिमामंडन किया गया है।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड :सीबीएफसी: के प्रमुख पहलाज निहलानी ने कहा कि बोर्ड ने इस फिल्म को मिली मंजूरी रद्द कर दी क्योंकि यह महसूस किया गया कि उसकी सामग्री कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल असर डाल सकती है। उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद मंजूरी वापस ले ली गयी। समक्षा जाता है कि सुरक्षा एजेंसियों ने इस फिल्म को लेकर चिंता प्रकट की थी क्योंकि एक दष्टिकोण यह है कि यह फिल्म जनरल ए एस वैद्य के हत्यारों का महिमामंडन करती है। सिनेमाटोग्राफ :प्रमाणन: नियमावली, 1983 के नियम 32 के तहत सरकार उस फिल्म का पुनर्परीक्षण कर सकती है जिसे प्रमाणपत्र जारी किया जा चुका है। फिल्म जिंदा और सुखा उग्रवादियों हरजिंदर सिंह जिंदा और सुखदेव सिंह सुखा के जीवन पर आधारित है। इन दोनों ने 1986 में पुणे में जनरल वैद्य की हत्या कर दी थी जिन्होंने :जनरल वैद्य ने: उससे पहले अमृतसर में स्वर्णमंदिर परिसर से आतंकवादियों सफाया करने से जुडे़ ऑपरेशन ब्लू स्टार की अगुवाई की थी।