सेक्स एज्युकेशन का अभाव आज भी इंडिया में कायम
एक दशक पहले यौन शिक्षा को लेकर हर तरफ चर्चाऐं हो रही थी.यह चर्चाऐं किसी पाठशाला, कोलेज, सामाजिक सस्थान में नहीं तो टीवी और विभिन्न माध्यमो द्वारा हो रही थी.यह शिक्षा किस तरह दी जायेगी कौन से वर्ग को दी जायेगी सारी बाते स्पष्ट रूप से यह मिडिया दिखा रहा था.
मगर सामने आये तथ्य आश्चर्य कर देने वाले है.
मेट्रो शहरों में नाबालिक लडकीयाँ सब से ज्यादा गर्भपात कर रही है. वही दूसरी तरफ महिलायें नसबंदी करा रही है. इन दोनों ही तथ्यों ने यह सोचने पर मजबूर किया है की वाकई में सरकार सेक्स एज्युकेशन को बढावा नहीं दे रही है.
सेक्स एज्युकेशन आज भी इंडिया में Taboo बना है!
सेक्स यह ऐसा शब्द है इंडिया में जिसे सुनकर ही हर किसी के कान खड़े हो जाते है,विषय कोई भी हो, मगर उस विषय में सेक्स का शब्द आता है तो वह सुनने कि जिज्ञासा सभी में रहती है,आज की पीढ़ी के मासूम बच्चे हो या फिर अनुभवी बुजुर्ग, महिलाओं से लेकर मर्दों में सेक्स की बाते सुनना पसंद है.लेकिन यह बाते वे केवल मजे लेने तक ही सुनते और अपने निकट परिजनों से करते है,
अधूरे प्रसार का प्रभाव
महानगरों के कुछ तथ्यों को जानते है. इससे यह अनुमान आप लगा सकेंगे की कम विकसित शहर और गांव में यौन शिक्षा की क्या स्थिति होगी,शहरों में जहा मासूम बच्चों को सेक्स के बारे में जानने की इच्छा रहती है. उनको इस ज्ञान की आधी अधूरी जानकारी के कारण माँ बाप बनना पड़ रहा है.ख़ास करके मुंबई की बात अगर करे तो नाबालिक लड़कियों में गर्भपात जैसे जुर्म 67% तक हो रहे है.दूसरी ओर शादी शुदा महिलाओं में नसबंदी का प्रमाण 18% देखा गया है, जबकी पुरुष नसबंदी करने से अभी भी कतराते है
क्यों नाबालिक लड़कियां हो रही है गर्भवती ?
लड़के अगर गर्भवती होते तो शायद यह आकडे कम होते. लेकिन सेक्स का आधा अधुरा ज्ञान, उत्सुकता और प्रेम के चलते, परिणाम लड़कियों को ही भुगतना पड़ता है.पाठशालाओं में योन शिक्षा इसलिए शुरू करवाई थी क्योंकि माता पिता अपने बच्चों से इस विषय में खुलकर बात नहीं कर सकते है.