सेना प्रमुख बिपिन रावत ने ने कहा-अब फौजियों से नहीं लिया जा सकेगा अर्दलियों जैसा काम
सेना प्रमुख ने अपनी नई गाइडलाइन में कहा है कि वह अधिकारी जो किसी न किसी रूप में भ्रष्टाचार से जुड़े हैं वह बख्शे नहीं जाएंगे, चाहें वह किसी भी रैंक या कद के हों। यही नहीं अब किसी भी रेजीमेंट या स्टेशन में हो रहीं अजीबो गरीब चीजें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। यही नहीं उन्होंने कहा कि किसी भी फौजी से नौकरों (अर्दलियों) जैसा काम नहीं कराया जाएगा। अपने फायदे के लिए सीएडी शराब और किराने के सामान का दुरुपयोग न करने की हिदायत दी है।
सैनिकों के खान पान में हो रहे बदलावों को देखते हुए उन्होंने पूरी, पकौड़ा और मीठे पर पूरी तरह से रोक लगाने की बात कही है और इसके बदले हेल्दी खान-पान को बढ़ावा देने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि सेना के आंतरिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए कई चीजों में बदलाव करना जरूरी है। यह गाईडलाइन तब जारी की गई है जब यह माना जाता है कि सेना में आम लोगों की तुलना में उच्चस्तर अनुशासन है, वहां भ्रष्टाचार कम है और वहां चीजें कम ही बर्बाद की जाती हैं।
इस दिशा- निर्देश के बाद जब आर्मी के वरिष्ठ अधिकारी यह कह कर चले जाते थे कि चलता है जेनरल रावत सेना में कई तरह के बदलाव करने में जुटे हैं और माना यह जा रहा है कि यह सब सरकार के दवाब में किया जा रहा है। अधिकारी ने यह भी बताया कि जेनरल रावत आर्मी की अनुक्रम को बदलने में जुटे हैं।
बता दें कि सेना सिर्फ देश की सुरक्षा ही नहीं बल्कि यह किसी भी आपदा की घड़ी में देश और देशवासियों के साथ खड़ी होती है। चाहें वह पर्यटकों द्वारा पहाड़ों पर की जा रही गंदगी को साफ करने की बात हो या फिर किसी आपदा में फंसे लोगों को निकालने की बात।
जेनरल रावत द्वारा जारी नई गाइडलाइन के बारे में एक वरिष्ठ आर्मी अधिकारी ने बताया कि सेना के जवानों की फिटनेस स्टैंडर्ड गिर रहा है। सेना में तेजी से विकलांगता और जीवन शैली से जुड़ी बीमारियां बढ़ रहा हैं यही नहीं युवा सैनिक बीपीईटी टेस्ट के दौरान घातक स्थिति में मिल रहे हैं। इसका बहुत बड़ा कारण तला हुआ खान-पान है रावत ने खान-पान में बड़े बदलाव की बात की है और इसमें स्वास्थ्यकर खाने को जोड़ा जा रहा है।