
पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले सैनेटरी नैपकिन के बारे में हर महिला को पता होनी चाहिए ये बातें, वरना हो कैंसर होने के साथ मौत तक हो सकती है…
1- सैनेटरी नैपकिन में डियोडरेंट के कारण प्रेगनेंसी संबंधी समस्या हो सकती है। बच्चे के जन्म में भी दिक्कत आ सकती है।
2- इन्हें बनाने में कई तरह के पेस्टीसाइड्स यूज किए जाते हैं जो ब्लड की क्लोटिंग से लेकर उनकी कमी तक का कारण बन सकते हैं। सैनेटरी पेड्स और टैम्पून्स में डायोक्सिन मौजूद होता है जो रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स के आसपास बेवजह के सेल्स की ग्रोथ को बढ़ाने का काम करता है। इससे कई तरह की बीमारियां होने की संभावना होती है।
3- ब्लड एब्जॉर्बिंग बनाने के लिए सैनेटरी पेड्स में सेल्यूलोज का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी वजह से सरवाइकल कैंसर हो सकता है। 4- यीस्ट और बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने का खतरा बहुत ही ज्यादा होता है।
5- चार घंटे में पीरियड्स के दौरान सैनेटरी नैपकिन और टैम्पून्स बदल लेना चाहिए। वरना शॉक सिंड्रोम का शिकार हो सकते हैं जो मौत तक की वजह बन सकती है।