सोराइसिस के मरीजों को टाइप-2 डायबिटीज
न्यूयॉर्क : बिना सोराइसिस (त्वचा रोग) वाले लोगों की तुलना में सोराइसिस से प्रभावित लोगों में टाइप-2 डायबिटीज विकसित होने का जोखिम ज्यादा रहता है। यह जोखिम आश्चर्यजनक रूप से रोग की गंभीरता पर निर्भर है। सोराइसिस प्रतिरक्षा प्रणाली की एक बीमारी है,जिसमें त्वचा में सूजन हो जाती है,त्वचा की कोशिकाएं सामान्य से ज्यादा तेजी से बढ़ती है। इससे लाल रंग के चकत्ते बन जाते हैं,जो सफेद त्वचा से ढक जाते हैं,जब यह त्वचा के सतह तक पहुंचते हैं,तो मर जाते हैं। सोराइसिस से पीड़ित लोग अपने शरीर का 10 फीसदी या उससे ज्यादा हिस्सा ढके रहते हैं। इनमें से बिना सोराइसिस लोगों की तुलना में 64 फीसदी सोराइसिस वाले लोगों को डायबिटीज होने की संभावना रहती है। इस शोध के निष्कर्ष प्रकाशित किए गए हैं। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि शोध के निष्कर्षो को दुनिया भर के सोराइसिस से पीड़ित लोगों को लागू करने पर 125,650 डायबिटीज के नए मामले हर साल सामने आएंगे।