स्वास्थ्य
सौंफ के इन चमत्कारी फायदों से यकीनन अभी तक अंजान है आप

सौंफ का शरबत अन्य देसी शीतल पेयों की तुलना में कम गाढ़ा और कम मीठा होता है। इसे और अधिक ताप-दाह हारी और तृप्तिदायक बनाने के लिए इसमें छोटी इलायची के दानों का चूर्ण और कभी-कभार लेशमात्र कपूर का पुट भी दिया जाता है। गर्मी के मौसम में प्रभु को अर्पित शीतल सामग्री नामक शरबती पेय में सौंफ की उपस्थिति अनिवार्य है। सौंफ के शरबत के बहुतेरे शौकीन भी सौंफ की बहुमुखी प्रतिभा क्षमता से अनभिज्ञ रहते हैं। सौंफ से परिचय बढ़ाना लाभदायक है, क्योंकि स्वादिष्ट होने के साथ-साथ इसमें अनेक प्रमाणित स्वास्थ्यवर्धक गुण भी हैं। सौंफ गाजर के परिवार का पौधा है।

विद्वानों के अनुसार, इसकी जन्मभूमि भूमध्यसागरीय क्षेत्र है और वहीं से दुनिया भर में यह फैला। इसका अंग्रेजी नाम ‘फेनल’ है और इसी बिरादरी के दूसरे पौधे को ऐनिस कहते हैं। इसी तरह की सुगंध और स्वाद वाले चक्री फूल को अंग्रेजी में स्टार एनीस नाम दिया गया है। मसाले के रूप में इसका प्रयोग चेट्टीनाड के व्यंजनों में होता है। भारत में इसके बीजों का ही प्रयोग आमतौर पर होता है। विदेशों में मूल यानी गोलाकार जड़ को भी हरे प्याज की तरह सलाद या हल्की पकी सब्जी की तरह खाया जाता है। बीजों का प्रयोग केक पेस्ट्री में ही होता है।
फ्रांस में एक नायाब मादक पेय ‘एबसिंथ’ सौंफ से बनाया जाता है। इसे गिलास में डालते ही पानी का रंग दूधिया हो जाता है और सौंफ की कुदरती मिठास महसूस की जा सकती है। पत्तियों का प्रयोग सजावट के लिए वैसे ही किया जाता है, जैसे अपने यहां हरे धनिए का। सौंफ की याद हमें छककर खाने के बाद ज्यादा आती है, मुंह को सुवासित करने के साथ-साथ इसके दानों की पाचक तासीर का लाभ उठाने की मंशा से। कई जगह बिल के साथ सादी या मीठी, मोटी या महीन सौंफ तश्तरी में पेश की जाती है। पान के बीड़े में भी इसकी खास जगह आरक्षित है।
हिंदुस्तान के लोगों को सौंफ कुछ ज्यादा ही लुभाती है। मसाला चाय में अदरक के साथ सौंफ की जुगलबंदी गरमागरम गिलास का आकर्षण बढ़ाती है। कश्मीरी वाजवान के अधिकांश व्यंजनों में सोंठ (सूखी अदरक) और सौंफ के पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। बंगाल के खान-पान को अलग पहचान दिलाने वाले ‘पांच फोरन’ मसाले के पंच परमेश्वरों में एक सौंफ है। लाल मिर्च हो या आम इनका अचार बनाते वक्त सौंफ के बिना काम नहीं चलता। भारत में जितने भी शाकाहारी या मांसाहारी व्यंजनों के साथ ‘अचारी’ विशेषण लगाया जाता है, उनमें मेथी और राई के दानों और अमचूर की संगत में सौंफ की भूमिका महत्वपूर्ण नजर आती है। दिलचस्प बात यह है कि सौंफ बखूबी मिठाइयों और नमकीन व्यंजनों का साथ निभाने में समर्थ है।