राज्य
स्कूल में शौचालय न होने के चलते छात्राओं ने छोड़ दी पढ़ाई
ऐसे में जब केंद्र की मोदी सरकार शौचालयों को लेकर देशभर में बड़ा अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने में लगी है तब मध्यप्रदेश के सतना जिले का एक प्राइमरी स्कूल इस सारी कवायद पर सवाल खड़ा कर रहा है। स्कूल की पांच छात्राओं ने शौचालय न होने के विरोध में स्कूल आना छोड़ दिया है।
यह साहसिक कदम उठाया है कक्षा आठ की छात्रा सीमा पटेल, वंदन वर्मा, गीतांजलि चतुर्वेदी, शिवा कुमारी और शिवांशी ने। सतना जिले की इन पांच छात्राओं ने भीष्मपुर गांव के गर्वनमेंट हायर सेंकेंडरी स्कूल में आना छोड़ दिया है।
भीष्मपुर ग्राम पंचायत के सदस्य वीरेन्द्र कुमार पटेल ने बताया कि इनकी देखादेखी कई अन्य छात्राएं भी टॉयलेट न होने के कारण स्कूल छोड़ने का मन बना रही हैं। उन्होंने बताया कि छात्राएं इस स्कूल की बजाय जिले के अमरपाटन कस्बे के स्कूल में एडमिशन लेना चाहती हैं, जो गांव से बीस किलोमीटर दूर है।
वहीं स्कूल छोड़ने वाली एक छात्रा सीमा पटेल ने आरोप लगाया कि स्कूल में लड़कियों के लिए अलग से शौचालय है, लेकिन अपने निर्माण के बाद से ही उस पर पिछले सालभर से ताला लटका हुआ है।
सीमा बताती है कि इसके चलते टॉयलेट के लिए हमें स्कूल के बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इसकी जानकारी शिक्षकों और अन्य अधिकारियों को भी है लेकिन कोई कुछ भी करने के लिए तैयार नहीं है। मैं अब इस स्कूल में और नहीं पढ़ सकती इसलिए अमरपाटन के स्कूल में एडमिशन लूंगी।