स्केलटन मसल्स बनानी हैं, तो जरूर पढ़ें ये खबर
दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ स्केलटन मसल्स या कंकालीय मांसपेशियां किसी भी स्वस्थ व्यक्ति की पहचान होती हैं। ये मानव शरीर का सबसे एडोप्टेबल टिश्यू भी कहलाती हैं जिन्हें आसानी से शेप में लाया जा सकता है। किसी भी इंसान के शरीर में जब ग्रोथ अच्छे से होती है तो माना जाता है कि उसकी उसका विकास सही हो रहा है। अक्टूबर से लेकर मार्च तक सर्दी का मौसम मसल्स के लिए गोल्डन पीरियड है। यह मौसम सख्त व्यायाम करने के लिए अच्छा होता है। इसमें खूब भूख लगती है, पेट ठीक रहता है और थकान भी कम ही होती है।
एक्स्ट्रा गेन करने का नुस्खा
हमारे शरीर की मरम्मत का काम रात में ही होता है (जब हम सो रहे होते हैं)। हम सभी लोग रात को एक बार जरूर उठते हैं। रात को अपने पास एक एक बड़े बर्तन में शहद मिला दूध रखें और रात में जब भी नींद टूटे इस दूध को पीकर सो जाएं। ये वेट गेन करने में बहुत मदद करता है। रात में मिली यह एक्स्ट्रा खुराक वजन बढ़ाने में मददगार मानी जाती है।
सर्दी बनाम गर्मी
सर्दी के मौसम में आपके शरीर में कई जरूरी कैमिकल्स गर्मियों के मुकाबले ज्यादा मात्रा में मौजूद होते हैं। मसल्स की रिकवरी अच्छी तरह से हो पाती है। गर्मियों में जितनी एक्सरसाइज आपको पूरी तरह से एग्जॉस्ट कर देगी सर्दी के मौसम में वही एक्सरसाइज कम पड़ जाती है।
मसल्स के दो दोस्त : प्रोटीन और आराम
ऐसा होता है प्रोटीन बनाने वाले अमीनो एसिड का फॉर्मूला
प्रोटीन पावर
अच्छे मसल्स चाहिए तो आपकी डाइट में प्रोटीन की भरपूर मात्रा होनी चाहिए। यह अलग-अलग शरीर और वजन के हिसाब से होती है। आप इसके लिए फिटनेस एक्सपर्ट या अपने ट्रेनर की मदद ले सकते हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि सामान्य डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सबसे ज्यादा होती है लेकिन यदि आपको मसल्स से भरपूर बॉडी चाहिए तो कार्बोहाइड्रेट कम करके प्रोटीन की मात्रा धीरे-धीरे करके 30 प्रतिशत बढ़ा लेनी चाहिए।
शाकाहारी विकल्प
जैतून का तेल, पनीर, शहद, मूंगफली, आंवला, बेसन का लड्डू, अखरोट, चॉकलेट, छुहारे, किशमिश, च्यवनप्राश आदि को डाइट में शामिल करें। वेज प्रोटीन डाइट में काबुली चने, पनीर, टोफू, सोयाबीन, सोया मिल्क, विभिन्न फलियां और दालों को शामिल किया जा सकता है। क्या और कब लेना है ये हर व्यक्ति के अपने-अपने समय पर निर्भर करता है। आपका वजन 60 किलो है तो 150 ग्राम प्रोटीन तक ले सकते हैं।
आराम
आप जिम या घर में मसल्स वर्कआउट करते हैं तो फिर उन्हें रिकवर और रिपेयर होने के लिए आराम देना भी जरूरी है। एक्सपर्ट कहते हैं कि आपको कम से कम 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए और अपने वर्कआउट को भी बदलते रहना चाहिए।
ध्यान रखें
इन मांसपेशियों के बारे में जानकारी बॉडी बिल्डिंग करने वालों और खिलाडिय़ों के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि जरा-सी गलती जिंदगीभर के लिए भारी पड़ सकती है। जब हम जिम में बहुत ज्यादा ट्रेनिंग करते हैं तो मसल्स फाइबर्स क्षतिग्रस्त हो सकते हैं जिसे माइक्रो ट्रॉमा कहा जाता है।
माइक्रो ट्रॉमा पूरी तरह से नैचुरल होता है और यह किसी के साथ भी हो सकता है। यदि ऐसा न हो तो मसल्स के बढऩे की संभावना भी नहीं होती है।