स्टार्टअप कंपनियों को बड़ी राहत, 25 करोड़ तक के निवेश पर नही पड़ेगा टैक्स
स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में सरकार की ओर से स्टार्टअप कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए एंजल टैक्स के नियमों में ढील देने का फैसला किया है. एक अधिकारी के मुताबिक सरकार ने स्टार्टअप को इनकम टैक्स छूट के लिए निवेश सीमा को बढ़ा दिया है. अब यह 25 करोड़ रुपये तक कर दिया गया है.
कहने का मतलब ये है कि अब 25 करोड़ रुपये तक के निवेश पर स्टार्टअप कंपनियों को इनकम टैक्स से छूट मिलेगी. वर्तमान में स्टार्टअप को 10 करोड़ रुपये तक के निवेश पर टैक्स से छूट मिलती है. इस निवेश में एंजल निवेशकों द्वारा लगाया गया पैसा भी शामिल है. ये फैसले ऐसे समय उठाए गए हैं जब कई स्टार्टअप कंपनियों ने दावा किया है कि उन्हें एंजेल निवेश पर आयकर विभाग से नोटिस मिले हैं.
स्टार्टअप की परिभाषा में बदलाव
इसके अलावा स्टार्टअप की परिभाषा में भी बदलाव किया गया है. नए नियम के तहत उन इकाइयों को स्टार्टअप माना जाएगा जो अपने रजिस्ट्रेशन या स्थापना के बाद 10 साल तक परिचालन कर रही हैं. इससे पहले यह समयसीमा 7 साल थी. अधिकारी ने कहा, “किसी भी इकाई को स्टार्टअप तभी माना जाएगा यदि उसका कारोबार पंजीकरण से लेकर अब तक किसी भी वित्त वर्ष में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं हो. मौजूदा समय में यह 25 करोड़ रुपये था.”
अधिकारी ने कहा कि जिन स्टार्टअप को अचल संपत्ति में निवेश नहीं किया हो वे ही स्टार्टअप छूट पाने के लिए पात्र होंगे. इसके अलावा स्टार्टअप का कर्ज का पैमाना भी देखा जाएगा. यह देखा जाएगा कि स्टार्टअप 10 लाख रुपये से अधिक के वाहन और अन्य इकाइयों को कर्ज और पूंजी समर्थन नहीं दिया हो. अगर उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को मान्यता दी जाती है तो वह स्टार्टअप भी धारा की 56(2) (सात-बी) के तहत छूट के लिए पात्र होगी. वह स्टार्टअप किसी विशेष संपत्ति में निवेश नहीं कर रहा हो.