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स्पीकर ने नहीं स्वीकारा अविश्वास प्रस्ताव, अनंत कुमार ने कहा, हमारे पास पूर्ण बहुमत

नयी दिल्ली : एआईएडीएमके और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसदों ने सोमवार को लोकसभा में खूब हंगामा किया। जिससे कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा। इससे पहले, टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तीन नोटिस दिए। हंगामे की वजह से इन प्रस्तावों पर चर्चा होने की उम्मीद कम है। उधर, संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने बताया कि हम अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि हमारे पास पूर्ण बहुमत है। इससे पहले शुक्रवार को भी दोनों दलों के अविश्वास प्रस्ताव सदन नहीं चलने की वजह से पेश नहीं हो सके थे। लोकसभा सचिवालय को तीन अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस मिले हैं। दो टीडीपी और एक वाईएसआर कांग्रेस ने दिया है। यदि सदन चलता है और सदस्यों की संख्या पूरी रहती है तो स्पीकर प्रश्नकाल के बाद अविश्वास प्रस्ताव को लाने पर विचार कर सकती हैं।
वहीँ शिव सेना सांसद संजय राउत ने कहा कि हम वेट एंड वॉच करेंगे। हम देखेंगे कि स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करती हैं या नामंजूर कर देती हैं। टीडीपी के अपने राज्य के मुद्दे हैं और हम उनका स्वागत करते हैं। अब तक हमने कुछ भी तय नहीं क्या है। प्रस्ताव पर उद्धव ठाकरे तय करेंगे। हम विपक्ष के साथ नहीं है, इसका मतलब ये नहीं है कि हम सरकार के साथ हैं। अविश्वास प्रस्ताव में न हम सरकार के साथ जा रहे हैं और न ही विपक्ष के साथ। हम तटस्थ रहेंगे। 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद पहली बार कोई पार्टी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई है।

केंद्र सरकार का कहना है कि वह विशेष पैकेज देने को तैयार है। इसी से नाराज टीडीपी केंद्र सरकार और एनडीसे अलग हो गई है। उधर, वाईएसआर कांग्रेस राज्य में अपनी साख बनाने के लिए पहले ही अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश में है। संसद में सरकार के खिला‌फ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम सदन के 50 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है। टीडीपी नेता सीएम रमेश ने कहा था कि सोमवार तक हम अलग-अलग पार्टियों के 54 सांसदों से हस्ताक्षर ले आएंगे और फिर प्रस्ताव को और दमदार तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा। टीडीपी ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर बजट सेशन के अंत तक मौजूद रहने को कहा है। पार्टी के सांसद आरएम नायडू ने कहा, हम अविश्वास प्रस्ताव के लिए सभी पार्टियों का समर्थन लेने जा रहे हैं। अब सभी पार्टियों की जिम्मेदारी है कि वे हमें सहयोग करें। हम बहस के लिए ज्यादा से ज्यादा समर्थन चाहते हैं। हमारी कोशिश सरकार गिराने की नहीं है। अगर वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी के सांसद दोनों भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए समर्थन दे दें तो भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता, क्योंकि जहां टीडीपी के पास 16 सांसद हैं तो वहीं वाईएसआर कांग्रेस के पास 9 सांसद हैं। दोनों को मिलाकर आंकड़ा सिर्फ 25 पहुंचता है।एनडीए में दल- 56 हैं। कुल 314 सांसद हैं। स्पीकर सुमित्रा महाजन समेत बीजेपी के 275 सांसद हैं। लोकसभा में कुल सीट 540 हैं। बहुमत के लिए 271 आंकड़ा चाहिए। संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने कहा था, हम हर चीज का सामना करने के लिए तैयार हैं। हमने हमेशा विपक्ष से बैंकिंग अनियमितताओं, विश्वास या अविश्वास प्रस्ताव समेत सभी मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद को चलने में सहयोग करने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरे देश को भरोसा है। सदन के पास भी पूर्ण विश्वास है, इसलिए कोई समस्या नहीं है। हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं।
अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस टीडीपी के टी. नरसिम्हन और वाईएसआर कांग्रेस के वाई वी सुब्बा रेड्डी ने दिया है। शुक्रवार को इसे स्पीकर सुमित्रा महाजन ने स्वीकार नहीं किया और सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी थी। सुमित्रा महाजन ने कहा था प्रस्ताव को सदन के समक्ष रखने के लिए वह बाध्य है, लेकिन इसके लिए सदन को व्यवस्थित होना चाहिए। सदन का जो माहौल है, उसमें उनके लिए प्रस्ताव का समर्थन और विरोध करने वाले सदस्यों की गिनती करना संभव नहीं है। टीडीपी आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही है। कांग्रेस ने फिलहाल अपना रुख साफ नहींं किया है। हालांकि, मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के मामले में टीडीपी के साथ कांग्रेस, एआईएमआईएम और लेफ्ट पार्टियां दिख रही हैं। कांग्रेस के पास इस वक्त 48 सीटें हैं। वहीं सीपीआई के पास 9 और एआईएमआईएम के पास भी 1 सीट है।

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