स्वामी पर सख्त PM मोदी, कहा- राजन की देशभक्ति किसी से कम नहीं
एजेंसी/ नई दिल्ली। रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन और वित्त मंत्रालय के कई अधिकारियों के खिलाफ लगातार टिप्पणी कर रहे भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी को सख्त संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को साफ कहा कि राजन की देशभक्ति किसी से कम नहीं है।
पीएम ने स्वामी की टिप्पणियों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसे बयान सिर्फ प्रचार पाने के हथकंडे हैं और इनसे देश का भला नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति खुद को व्यवस्था से बढ़कर समझता है तो यह बिल्कुल गलत है।
प्रधानमंत्री का यह वक्तव्य ऐसे समय आया है जब वित्त मंत्री अरुण जेटली और भाजपा ने भी स्वामी की तरफ से विभिन्न सरकारी पदों पर रहने वाले लोगों पर लगाए जाने वाले आरोपों का प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर आपत्ति जता दी है।
स्वामी ने एक के बाद एक आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन, वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम और आर्थिक कार्य विभाग के सचिव शक्तिकांत दास पर निशाना साधते हुए कई विवादास्पद बयान दिए हैं।
उन्होंने नाम लिए बगैर जेटली पर भी निशाना है। पीएम के इस बयान के बाद स्वामी अलग-थलग पड़ गए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पार्टी भी स्वामी के खिलाफ कोई कदम उठाती है या नहीं।
प्रधानमंत्री ने एक निजी टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार को एक सवाल के जवाब में कहा कि उनकी पार्टी हो या कोई दूसरा दल, जिस तरह के बयान दिए गए हैं, वे अनुचित हैं। प्रचार पाने के इन हथकंडों से देश का भला नहीं होगा। लोगों का व्यवहार जिम्मेदारीपूर्ण होना चाहिए।
मोदी ने राजन की प्रसंशा करते हुए कहा कि जो लोग उनके बारे में ऐसा बोलते हैं, वे राजन के साथ अन्याय कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि राजन की देशभक्ति हममें से किसी से भी जरा-सी भी कम नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कहना उनके (राजन के) साथ अन्याय होगा कि वह किसी पद पर होंगे, तभी देश की सेवा करेंगे।
पीएम ने कहा कि उनका मानना है कि कि राजन किसी भी पद पर हों, कहीं भी हों, वह भारत की सेवा करने वाले और भारत को प्रेम करने वाले इंसान हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजन के साथ उनका अनुभव अच्छा रहा है। उन्होंने जो काम किया है, मैं उनकी सराहना करता हूं और उनके भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएं हमेशा रहेंगी। मोदी ने कहा कि जब उनकी सरकार बनी थी तो अखबारों और टीवी पर बहस होती थी कि नई सरकार राजन को हटाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और राजन अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि रघुराम राजन ने आरबीआइ गवर्नर पद पर दूसरा कार्यकाल न स्वीकारने की घोषणा कर दी है। हालांकि उन्होंने यह घोषणा ऐसे समय की है जब भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने उन पर आरोप लगाते हुए एक के बाद एक कई बयान दिए हैं। स्वामी ने वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार और आर्थिक कार्य विभाग के सचिव पर भी सीधा निशाना साधा है।
“दिल्लगी गायब हो रही, मैं भी डरता हूं”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्वजनिक जीवन से हार-परिहास गायब होते जाने से व्यथित हैं। एक निजी टीवी चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मैं पहले चुटकुलों के साथ हास-परिहास को अपने भाषणों में रखता था।
लेकिन अब मुझे डर लगता है। यह चिंता की बात है। अगर कोई साधारण कहावत भी बोल दो तो मीडिया उसे बड़े, गैरसंबंधित मुद्दे से जोड़ देता है। पत्रकार इसे गलत ढंग से लेते हैं इसलिए सार्वजनिक जीवन से हास-परिहास एक तरह से गायब ही हो गया है।
बड़बोले नेताओं को बड़ा न बनाएं:
कई ऐसे लोगों को मैं प्रवक्ता के तौर पर टीवी पर देखता हूं जिनके चेहरे भी मैंने नहीं देखे हैं। ऐसे लोगों को हीरो क्यों बनाती है मीडिया? उन्हें विलेन बनाने की भी जरूरत नहीं है। उन्हें बड़ा बनाना छोड़ दें तो वे खत्म हो जाएंगे। मैं नहीं जानता कि उन्हें क्यों प्रोत्साहित किया जाता है? मेरा साफ मानना है कि देश को विकास के मुद्दे पर आगे बढ़ना चाहिए।
अगस्ता मामले में निष्पक्ष कार्रवाईः
हमारे पास इस बात पर यकीन करने की वजह है कि अगस्ता हेलिकॉप्टर मामले में अपराध किया गया है और मुझे लगता है कि जिनलोगों ने ऐसा किया है, उनके पास बड़ा सुरक्षा जाल था। ये काफी अनुभवी लोग हैं। गलत काम करने की कला में ये पारंगत थे।
अब एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं और हमें इंतजार करना चाहिए कि जांच किस तरह बढ़ती है। इसमें (कुछ खास लोगों को) निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। हमारी सरकार इस तरह का काम नहीं करती।