उत्तर प्रदेश

सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता से न किया जाए समझौता: मौर्य

लखनऊ। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि राज्य में घ्सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता से किसी प्रकार समझौता नहीं किया जायेगा। उन्होंने सड़क निर्माण में आने वाली समस्त बाधाओं को दूर करने के निर्देश दिए हैं। मौर्य ने यह निर्देश बुधवार को अपने सरकारी आवास उपशा के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में समीक्षा के दौरान दिए। मौर्य ने कहा कि उपशा द्वारा निर्मित एसएच-57 सड़क में आये गड्ढों को शीघ्र दूर किया जाए। ताकि आवागमन में परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि 206 किमी लम्बे मार्ग में लगभग 60 किमी सड़क गड्ढा युक्त है। इसके गड्ढों को दूर करने के लिए13 करोड़ रुपये अवमुक्त किये जायें।
उपशा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि पूर्व में पीपीपी मॉडल पर राज्य में सड़कों का निर्माण होता था। लेकिन सड़क निर्माण में आने वाली प्रशासनिक बाधाएं समय से दूर न हो पाने से सड़कों के निर्माण में देरी होने के कारण ऐजेन्सियों को लाभ नहीं होता था और उन्होंने इस कार्य से किनारा करना शुरु कर दिया। जिसके कारण प्रदेश सड़कों के मामले में पिछड़ गया। उन्होंने कहा कि अब पीपीपी मॉडल से सड़क निर्माण के लिए एजेंसियों को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा जिला मजिस्ट्रेट, रेवेन्यु तथा फारेस्ट विभाग का सहयोग लेकर सभी प्रकार की बाधाओं को दूर कर शीघ्र सड़क निर्माण कराया जाएगा। अवस्थी ने बताया कि बरेली-अल्मोड़ा तथा वाराणसी-शक्तिनगर राज्य राजमार्ग का निर्माण कार्य उपशा द्वारा पूर्ण किया जा चुका है। जबकि मुजफ्फरनगर-सहारनपुर से देवबन्द मार्ग का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंन बताया कि पीपीपी मॉडल से सड़क निर्माण के लिए पुखरांया-घाटमपुर बिन्दकी मार्ग पर सड़क बनाने हेतु छह आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिन्हे मंजूरी देने के लिए प्रस्ताव कैबिनट के समक्ष रखा जाएगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण सदाकान्त,,  उपशा के अधिकारी मौजूद रहे।

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