शास्त्रों में जिन सात चिरंजीवियों का जिक्र आता है उनमें अश्वत्थामा, बलि, व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और भगवान परशुराम हैं। माना जाता है कि ये अमर आत्माएं हैं, जो आज भी पृथ्वी पर हमारे बीच मौजूद हैं। कलयुग में इन सात चिरंजीवियों में श्री हनुमान जी की साधना सबसे अधिक की जाती है। देश का शायद ही ऐसा कोई कोना हो जहां पर श्री हनुमान जी की पूजा न की जाती हो। सभी देवतओं में श्री हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता जो हैं। जिनका महज नाम लेते बड़े से बड़े संकट टल जाते हैं, बड़ी से बड़ी परेशानियां दूर हो जाती हैं। तो आइए जानते हैं कि हनुमान जयंती के दिन श्री बजरंग बली की पूजा, आराधना किस विधि से की जाए, ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
हनुमान जी की साधना का महत्व
हनुमान जी की साधना अति सरल एवं सुगम है। हनुमत साधना से किसी भी प्रकार के अनिष्ट ग्रहों के प्रकोप से मुक्ति मिल जाती है। हनुमान जी की शरण में आने वाले साधक का शनि बाल भी बांका नहीं कर पाता। ऐसे में हनुमान जयंती के दिन बजरंग बली की साधना करने से तमाम तरह के रोग, भय और संकट दूर होते हैं। तथा श्री हनुमान जी की कृपा से आने वाले पूरे साल सुख और समृद्धि की प्राप्ति होगी।
ऐसे बनेंगे बिगड़े काम
हनुमान जयंती का दिन श्री हनुमत साधकों के लिए महापर्व के समान होता है। क्योंकि इस दिन बजरंग बली को विधि-विधान से चोला चढ़ाने से हर बिगड़ा काम बन जाता है और साधक पर हनुमानजी की विशेष कृपा होती है। हनुमान जी को चमेली का तेल और सिंदूर बेहद प्रिय है, इसलिए हनुमान जयंती के दिन पवनसुत हनुमान जी को चमेली का तेल और सिंदूर चढ़ाना कभी न भूलें।
सिंदूर से दु:ख होंगे दूर
यदि आप लंबे समय से किसी परेशानी से घिरे हुए हैं और दुखों ने आपको घेर रखा है तो आप हनुमान जयंती के दिन स्नान-ध्यान के पश्चात् स्वच्छ कपड़े धारण करके किसी मंदिर में या घर पर बजरंग बली की मूर्ति या चित्र के सामने सिंदूरी चोला चढ़ाएं। हनुमान जी की प्रतिमा पर सिंदूर का चोला चढ़ाने से पहले उनकी प्रतिमा या फोटो को गंगा जल से स्नान कराएं। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का जाप करते हुए चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर सिंदूर का चोला चढ़ाएं।
सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये।
भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्।।
दूरी होगी बाधा, बनेंगे काम
अगर आपके काम में लगातार बाधाएं आ रही हैं और तमाम कोशिशों के बावजूद काम नहीं बन रहा है, तो हनुमान जयंती के दिन श्री बजरंगबली को इत्र और गुलाब की माला चढ़ाएं। जैसा कि आप जानते हैं कि हनुमान जी को लाल फूल प्रिय हैं। अत: पूजा में लाल फूल ही चढ़ाएं। ध्यान रहे हनुमत साधना हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुंह करके ही शुरू करनी चाहिए। दर्शकों भक्ति भाव और श्रद्धापूर्वक किए गए इस उपाय से आपकी आपके जीवन में आने वाली सभी अड़चनें दूर होंगी और कार्य सिद्ध होगा।
मंत्र से मिलेगा मनचाहा वरदान
दीपावली का यह पावन पर्व मंत्रों को सिद्ध करने के लिए बहुत ही शुभ होता है। इस दिन श्री हनुमान जी को चोला चढ़ाने के बाद उनके आराध्य प्रभु श्रीराम का ध्यान और जप करना ना भूलें। अंजनि के पुत्र बजरंगबली को भोग लगाने के बाद श्री हनुमान जी के सामने बैठकर तुलसी की माला से इस मंत्र का कम से कम 5 माला जप अवश्य करें। निश्चित रूप से आप पर हनुमत कृपा बरसेगी।
मंत्र –
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्रनाम तत्तुल्यं राम नामं वारानने।।
हनुमान शक्ति व साहस के प्रतीक हैं। जब व्यक्ति चारों तरफ से शत्रुओं से घिरा हो और उसे हर काम में निराशा ही हाथ लगे तो उसे हनुमत की शरण में जाना चाहिए। उनके दिव्य मंत्र का जाप करना चाहिए। विश्वास मानिए जीवन की तमाम समस्याओं से उबरने के लिए यह रामबाण उपाय है। हनुमान जयंती के बाद भी जैसे –जैसे आप इस दिव्य मंत्र का जाप करते जाएंगे, वैसे-वैसे आपकी स्थिति सुधरती जाएगी। यकीन मानिए हनुमान जयंती के दिन किए जाने वाले इन उपायों पूरी श्रद्धा के साथ करने से न सिर्फ आपको पवनपुत्र हनुमान जी की कृपा मिलेगी बल्कि उनके साक्षात् दर्शन का भी सौभाग्य प्राप्त होगा।