नई दिल्ली : देश में अब हर घर में स्मार्ट मीटर लगेगा। कागज पर दिया जाने वाला इसका कोई बिल नहीं आएगा, बल्कि मोबाइल की तरह यह प्री-पेड होंगे। यानी लोगों को अपनी बिजली खपत का अनुमान लगाकर इसे रीचार्ज करना होगा। केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने गुरुवार को यह बात कही। आरके सिंह ने यहां मीटर बनाने वाली कंपनियों के अफसरों से कहा कि स्मार्ट प्री-पेड मीटर का उत्पादन बढ़ाना और इसकी कीमत करना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में इसकी मांग बढ़ने वाली है। बैठक में स्मार्ट मीटर्स के विभिन्न पहलुओं जैसे बीआईएस (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड) सर्टिफिकेशन, आरएफ/ जीपीआरएस के साथ मौजूदा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ सामंजस्य पर भी चर्चा की गई। बिजली मंत्री ने एक तय तारीख तक स्मार्ट मीटर को अनिवार्य किए जाने पर विचार करने की सलाह दी। अधिकारियों के अनुसार स्मार्ट प्रीपेड के उपयोग से बिजली क्षेत्र में व्यापक बदलाव आएगा। मंत्री ने भरोसा जताया कि बिजली के क्षेत्र में यह बदलाव क्रांतिकारी साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे बिजली वितरण कंपनियों की माली हालत सुधरेगी, ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहन मिलेगा और बिलों का भुगतान आसान होगा। साथ ही इससे काबिल युवाओं के लिए रोजगार पैदा होंगे।