हरिद्वार: प्रदेश की सबसे बड़ी जेल जिला कारागार रोशनाबाद हरिद्वार के 23 कैदियों में एचआइवी पॉजीटिव पाया गया है। राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी की ओर से पहली बार कैदियों की एचआइवी जांच कराई गई है। रिपोर्ट में पुष्टि के बाद कैदियों का उपचार शुरू कर दिया गया है। इनमें अधिकतर कैदी विचारधीन हैं। जेल अधिकारियों के अनुसार ये कैदी संक्रमण के बाद ही यहां आए हैं।
जिला कारागार रोशनाबाद में इस समय करीब 1175 कैदी बंद हैं। इनमें विचारधीन की संख्या 450 है। जेल में हफ्ते में एक बार विचाराधीन और हफ्ते में दो बार दोष सिद्ध कैदियों का मेडिकल परीक्षण किया जाता है। जरूरत पडऩे पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार कैदियों को जेल से बाहर भी उपचार के लिए ले जाया जाता है।
जेल में अभी तक कैदियों की एचआइवी जांच नहीं कराई जाती थी। बीते अक्टूबर में राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी यह पहल कर कैदियों की जांच की और जेल प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में तीन से चार कैदी ऐसे हैं, जो अपराध सिद्ध होने पर सजा काट रहे हैं। सोसायटी की ओर से पीडि़तों का उपचार भी शुरू कर दिया गया है।
एडस के प्रति बदला लोगों का नजरिया
एक दिसंबर को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय एडस दिवस मनाया गया। जगह-जगह विचार संगोष्ठियों, रैलियों और जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जेल में बंद 23 कैदियों में एचआइवी पॉजिटिव पाया जाना भले ही आम आदमी को हैरान करे, लेकिन राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी के अधिकारी इसे सकारात्मक रूप में ले रहे हैं। उनका मानना है कि अब लोग एचआईवी की जांच कराने से कतरा नहीं रहे हैं। सोसायटी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हरिद्वार जेल में दो बार चिकित्सकों की टीम जेल में उपचार और देखभाल के लिए भेजी जा चुकी है।
जेलर (रोशनाबाद जिला कारागार, हरिद्वार) एसएम सिंह का कहना है कि राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी की ओर से पहली बार कैदियों की एचआइवी जांच कराई गई है। पॉजिटिव पाए गए अधिकतर कैदी अंडर ट्रायल हैं। रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद उनका नियमित उपचार किया जा रहा है। साथ-साथ जागरुकता को लेकर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। इससे दूसरे कैदियों में कोई भ्रम जैसी बात पैदा न हो।