हवाई हमलों से इस तरह सेना करेगी देश की सुरक्षा, ये देखकर पाक और चीन के खड़े हो जायेंगे रोगंटे
चीनी वायुसेना की बढ़ती हुई ताकत और भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमानों की घटती संख्या की वजह से आर्मी एयर डिफेंस को मजबूत बनाने के लिए बड़ी योजना तैयार की गई है। 2027 तक आर्मी एयर डिफेंस के लिए कई तरह की लंबी, मध्यम और छोटी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों के अलावा बहुत कम समय में तैनात होने वाली मिसाइलों की खरीदी की बड़ी योजना है। इसके लिए आर्मी एयर डिफेंस अपने अधिकारियों और सैनिकों को ट्रेनिंग देने की तैयारी में है।
बता दें कि भारतीय सेना के चार अधिकारी अगले महीने एक साल के लिए इजरायल जाकर किसी भी हवाई हमले से निपटने के लिए सबसे आधुनिक मिसाइलों की ट्रेनिंग लेंगे।इजराइल से लौटकर ये अधिकारी ट्रेनर्स की भूमिका निभाएंगे। मतलब दुश्मनों के हवाई हमलों से भारतीय सेना अब देश को अत्याधुनिक तरीके से सुरक्षित रखेगी। इसके लिए भारतीय सेना दुनिया की सशक्त सेनाओं में से एक इजरायली सेना की मदद लेगी। इससे चीन और पाकिस्तान को भी भारत की ओर आंख उठाने से पहले कई बार सोचना पड़ेगा।
आर्मी एयर डिफेंस को जिस ह’थियार का इंतजार है वो है बराक-8 मिसाइल सिस्टम है। इसे भारत और इजरायल ने मिलकर बनाया है। ये मिसाइल 500 मीटर से 100 किमी तक की दूरी से किसी भी हवाई हमले को नाकाम कर सकती हैं। आर्मी एयर डिफेंस फिलहाल ऐसे हमलों का सामना करने के लिए L-70 और ZU-23 एंटी एयरक्राफ्ट गन का इस्तेमाल करती है।
लेकिन ये दोनों ही सिस्टम काफी पुराने हो चुके हैं। आर्मी एयर डिफेंस आगे बढ़ते हुए टैंकों को भी दुश्मन के हेलीकॉप्टर या ड्रोन के हमले से सुरक्षा देती है जिसके लिए तुंगुश्का, शिल्का और ओसा जैसे ट्रैक पर चलने वाले भारी ह’थियारों का भी इस्तेमाल करती है। लेकिन ये हथियार केवल टैंकों की रेजीमेंट्स के साथ ही होते हैं। ऐसे में अपने ठिकानों की सुरक्षा के लिए आर्मी एयर डिफेंस को आधुनिक हथियारों की जरूरत है।