लखनऊ

हाईकोर्ट ने यूपी में 83० अनधिकृत लोगों की सुरक्षा हटाने का निर्देश दिया

cortलखनऊ 7 नवंबर (आईएएनएस)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ  खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को सभी अनधिकृत लोगों को मुहैया कराई गई सुरक्षा को तत्काल हटाने के निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे लोगों की सुरक्षा पर खर्च हुए पैसे को 15 दिन के अंदर वसूल किया जाए। सामाजिक कार्यकर्ता डा.नूतन ठाकुर की तरफ  से उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अनधिकृत लोगों को सुरक्षाकर्मी दिए जाने के संबंध में दायर जनहित याचिका में सुरक्षा शाखा के पुलिस उपाधीक्षक अजय कुमार सिंह के हस्ताक्षर से प्रस्तुत हलफ नामे में बताया गया कि वर्तमान में अधिकृत सूची के बाहर कुल 83० लोगों को सरकार द्वारा सुरक्षा दी गई है। इन अनधिकृत लोगों में 17० को नि:शुल्क और 65० को निजी व्यय पर सुरक्षा दी गई। हलफ नामे के अनुसार इन अधिकृत सूची के बाहर लोगों की सुरक्षा पर कुल 4. 83 करोड़ रुपये का व्यय आया है जिसमें 3. ० करोड़ रुपये की वसूली हो गई है जबकि 1. 83 करोड़ रुपये की वसूली अभी बाकी है। हलफ नामे में ऐसे कई व्यक्तियों के नाम भी दिए गए हैं जिन्हें बिना जिला सुरक्षा समिति की संस्तुति के भी सुरक्षा प्रदान कर दी गई है। न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा और न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने अनधिकृत लोगों को सुरक्षा दिए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि यह बकाया धनराशि अभी तक जमा क्यों नहीं कराई गई। अदालत ने 15 दिनों में यह धनराशि जमा कराने के आदेश देते हुए कहा कि यह 15 दिन में जमा नहीं हुई तो इसके लिए जिले के पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार होंगे। अदालत ने कहा कि उन मामलों में जिसमें बिना सुरक्षा समिति की संस्तुति के सुरक्षा प्रदान की गयी है  यदि वह किसी अदालत के आदेश पर किया गया है तो राज्य सरकार सुनवाई की अगली तिथि को अदालत के आदेश की प्रति प्रस्तुत करे और अन्य सभी मामलों में दी गई सुरक्षा तत्काल हटाई जाए।

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