उत्तराखंड के युवा शटलर लक्ष्य सेन सीनियर नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक से चूक गए। हालांकि, उन्होंने रजत पदक जीतकर भी इतिहास रचा है।
देहरादून: सीनियर नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में उत्तराखंड के युवा शटलर लक्ष्य सेन स्वर्ण पदक से चूक गए। हालांकि, उन्होंने रजत पदक जीतकर भी इतिहास रचा है। सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले लक्ष्य सेन सबसे कम उम्र के शटलर हैं।
वहीं उत्तराखंड की कुहू गर्ग को कांस्य पदक मिला। पहली बार प्रतियोगिता में उत्तराखंड के खाते में दो पदक आए। लक्ष्य सेन जूनियर विश्व नंबर वन खिलाड़ी भी हैं। पटना, बिहार में एक से सात फरवरी तक आयोजित हुई प्रतियोगिता में उत्तराखंड के 15 वर्षीय शटलर लक्ष्य सेन का शानदार प्रदर्शन रहा। भले ही वह फाइनल में हार गए, लेकिन फिर भी छोटी उम्र में उनके लिए यह बड़ी उपलब्धि हैं।पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में लक्ष्य सेन ने महाराष्ट्र के हर्षल दानी को 21-12 व 21-13 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। मूलरूप से अल्मोड़ा के रहने वाले लक्ष्य सेन का फाइनल में पेट्रोलियम के सौरभ वर्मा से मुकाबला हुआ।
सौरभ वर्मा ने हाल ही में लखनऊ में आयोजित हुए सैयद मोदी अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन टूर्नामेंट में खिताब अपने नाम किया था। उन्होंने लक्ष्य सेन को सीधे सेटों में 21-13 व 21-12 से हराकर सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में एकल खिताब जीता।
उत्तरांचल स्टेट बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव बीएस मनकोटी ने बताया कि मिश्रित युगल वर्ग में उत्तराखंड की कुहू गर्ग को हार का सामना करते हुए कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। कुहू व धु्रव कपिला की जोड़ी को आंध्र प्रदेश के सात्विक व एयर इंडिया की मनीषा के हाथों 18-21 व 13-21 से हार का सामना करना पड़ा। सीनियर नेशनल के मिश्रित युगल वर्ग में कुहू ने दूसरी बार कांस्य पदक जीता।एसोसिएशन के अध्यक्ष एडीजी अशोक कुमार ने कहा कि हम प्रतियोगिता में पहली बार दो पदक जीतने में सफल रहे हैं और अब हमारा लक्ष्य राष्ट्रीय खेल में टीम चैंपियनशिप जीतना है।