हार के साथ विदा हुए जयवर्धने और संगकारा
सिडनी : महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा के शानदार वनडे करियर का अंत भले ही परिकथा जैसा नहीं हुआ हो लेकिन इन दोनों अनुभवी खिलाडिय़ों ने निराशा के बावजूद अपनी इस लंबी यात्रा को हंसते हुए याद किया। इन दोनों ने पहले ही विश्व कप के बाद वनडे क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी और आज यहां क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नौ विकेट की शिकस्त के साथ इन दोनों के करियर का अंत हुआ। आज के मैच से पहले रिकार्ड लगातार चार वनडे शतक जडऩे वाले संगकारा ने 45 रन की पारी खेली लेकिन इसके बावजूद टीम 37 . 2 आेवर में 133 रन पर ढेर हो गई। संगकारा ने 404 वनडे मैचों में 14234 रन बनाए। उन्होंने मौजूदा विश्व कप में सात मैचों में 541 रन बटोरे और फिलहाल वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। किसी विश्व कप में 500 से अधिक रन बनाने वाले वह छठे बल्लेबाज हैं। हार के बावजूद संगकारा ने अपने साथी जयवर्धने के बारे में अच्छी बातों को याद किया। संगकारा ने मैच के बाद कहा, ‘‘वह (जयवर्धने) काफी निराश होगा लेकिन यह खेल का हिस्सा है, अंत परिकथा जैसा नहीं होता। आप विश्व कप जीतना चाहते हो, शीर्ष पर रहते हुए अंत करना चाहते हो लेकिन अगर एेसा नहीं होता तो नहीं होता। इसका मतलब यह नहीं कि आप निराश होकर जाआ।’’
जयवर्धने के साथ मैदान पर बिताए दिनों को याद करते हुए संगकारा ने कहा, ‘‘यह हमेशा मैत्रीपूर्ण था, कभी कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं थी, अभ्यास मैचों को छोड़कर। जब मैंने टीम में जगह बनाई तो महेला दो साल से खेल रहा था और वह पहले ही उप कप्तान था और सब उसका काफी सम्मान करते थे। हम एक ही उम्र के थे, हम एक साथ समय बिताते थे और इस तरह से हम गहरे मित्र बने।’’ पहले ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके जयवर्धने ने इसके साथ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत किया जो 1997 में शुरू हुआ था। उन्होंने 448 वनडे में 12650 रन जबकि 149 टेस्ट में 11814 रन बनाए। जयवर्धने के लिए हालांकि मौजूदा विश्व कप काफी अच्छा नहीं रहा और वह सिर्फ अफगानिस्तान के खिलाफ शतक जड़ पाए। लेकिन इस स्टार बल्लेबाज को कोई मलाल नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘सबसे मुश्किल चीज प्रत्येक चीज के साथ, प्रत्येक दिन आगे बढऩा और कुछ नया करना है।