हिंसा के तांडव से चल रही है बंगाल सरकार, जल्द गिरेगी : अमित शाह
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के अपने दो दिवसीय दौरे के आखिरी दिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पुरुलिया के सिमुलिया ग्राउंड में रैली को संबोधित करने पहुंचे। रैली में मौजूद भारी भीड़ को देखकर बीजेपी अध्यक्ष ने प्रदेश की टीएमसी सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा हमला कर दिया, अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर शाह ने प्रदेश की सरकार को निशाने पर लिया। अमित शाह ने कहा कि हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं का लहू रंग लाएगा। ज्यादा दिनों तक आपकी सरकार नहीं चल पाएगी।
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा में बीजेपी के कई कार्यकर्ता मारे गए हैं। पुरुलिया में ही तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की पंचायत चुनाव बाद हत्या हो गई थी। बीजेपी अध्यक्ष ने मंच से ही पीड़ित परिवार के परिजनों को सांत्वना दी और मौजूद लोगों को भरोसा दिलाया कि बीजेपी हर हाल में उन पीड़ित कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी रहेगी। दरअसल, बीजेपी पश्चिम बंगाल में हाल के पंचायत चुनावों के बाद काफी उत्साहित है। पार्टी ने लगभग सात हजार पंचायत में जीत दर्ज की है। बीजेपी दावा कर रही है कि सही मायने में निष्पक्ष चुनाव होते तो तस्वीर कुछ और होती। अमित शाह ने भी आरोप लगाया कि ममता राज में दो करोड़ मतदाताओं को वोट ही नहीं डालने दिया गया। लेकिन, अब पार्टी की तरफ से तैयारी लोकसभा चुनाव की हो रही है।
लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी ने अभी से ही ‘ए बार बंगला चलो पालटाई’ का नारा दिया है। यानी इस बार बंगाल में परिवर्तन का नारा बीजेपी की तरफ से दिया जा रहा है। पुरुलिया की रैली में भी अमित शाह ने साफ कर दिया कि 2019 का लोकसभा चुनाव ही बंगाल में अगली सरकार की नींव डालने वाला है। फिलहाल बीजेपी बंगाल में बड़ी बढ़त का दावा कर रही है। दो सीटों वाली बीजेपी ने लक्ष्य रखा है 42 सीटों में से 22 से ज्यादा सीटों पर जीत का। हालांकि बीजेपी के एजेंडे में पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या के मुद्दे के अलावा ममता सरकार के मुस्लिम तुष्टीकरण का मुद्दा भी काफी ऊपर है। शाह को भी बंगाल की जमीनी हकीकत का अंदाजा है, उन्हें भी पता है कि मुस्लिम तुष्टीकरण के मुद्दे को उठाकर जमीनी स्तर पर इसका फायदा सीधे बीजेपी को मिलेगा। बीजेपी के कार्यकर्ता और रैली में जुटी भीड़ की तरफ से लगातार जय श्री राम के नारे लगाए जा रहे थे। इस बारे में बीजेपी युवा मोर्चा के बंगाल अध्यक्ष देबजीत सरकार ने कहा, रामनवमी के मौके पर जिस तरह से बजरंग दल के लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है और ममता सरकार जिस तरह से मुस्लिम तुष्टीकरण की कोशिश करती है वो आने वाले दिनों में टीएमसी को बैकफायर करेगा।
वंदे मातरम से अपना भाषण खत्म करने से पहले अमित शाह ने भी जय श्री राम और जय-जय श्री राम के नारे लगाकर कार्यकर्ताओं को अपने हिंदुत्व के एजेंडे पर बरकरार रहने का संकेत भी दे दिया। उत्साहित भीड़ की तरफ से भी इस मुद्दे पर शाह को पुरजोर समर्थन भी मिला। बीजेपी आने वाले दिनों में सरकार की पक्षपात पूर्ण रवैये को मुद्दा बनाकर बंगाल में अपनी जड़ को और मजबूत करने की कोशिश भी कर रही है। बीजेपी पहले से ही बांग्लादेश से आने वाले अवैध घुसपैठियों के मुद्दे को भी उठाती रही है। एक बार फिर से रैली में अमित शाह ने राज्य के लोगों को वादा किया कि पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या से निजात दिलाई जाएगी। दरअसल, ममता बनर्जी पूरे देश में विपक्षी दलों के कुनबे को एक कर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही हैं। अमित शाह ने उल्टे ममता से सवाल करते हुए कहा, ममता जी देश में गठबंधन बनाइए इसमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन, पहले बंगाल संभाल लीजिए नीचे से जमीन खिसक रही है। अमित शाह ममता बनर्जी को बंगाल के भीतर ही घेरना चाहते हैं। शाह की रणनीति है कि देश में मोदी विरोधी गठबंधन बनाने की कोशिश में लगी ममता को अगर उनके घर में ही घेर लिया जाए तो फिर वो देशभर में माहौल बनाने की कोशिश में सफल नहीं हो पाएगी। अमित शाह ने केंद्र के पैसे को बंगाल के विकास पर ठीक से खर्च नहीं करने का आरोप भी लगा दिया।
रैली के दौरान अमित शाह ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल का नहीं बल्कि ममता राज में टीएमसी के गुंडों का विकास हो रहा है। बंगाल की दुर्दशा और दूसरे राज्यों की तुलना में कम विकास को लेकर शाह लेफ्ट के साथ-साथ ममता बनर्जी को घेर रहे हैं। पुरुलिया की रैली में अमित शाह ने आरोप लगाया कि मां, मांटी और मानुष की बात करने वाली ममता बनर्जी ने राज्य का बंटाधार कर दिया है। पहले जब ममता सरकार बनी तो राज्य के लोगों पर लगभग दो लाख करोड़ का ऋण था लेकिन, अब यह बढ़कर साढे तीन लाख करोड़ तक पहुंच गया है। बीजेपी की रणनीति में बंगाली अस्मिता का मुद्दा भी काफी आगे है। बीजेपी की रैली के दौरान इसकी झलक भी मिली। बीजेपी के सभी बैनर-पोस्टर पर हर जगह केवल बांग्ला में ही नारे लिखे गए थे। अमित शाह ने भी बंगाल की धरती को स्वामी विवेकानंद से लेकर रामकृष्ण परमहंस की धरती बताया। जिक्र रवींद्र संगीत का भी किया, जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का भी किया। बीजेपी की रणनीति ही रही जिसके तहत हिंदी हर बैनर पोस्टर से गायब थी, लेकिन, ममता बनर्जी के टीएमसी के बैनर को हिंदी में लिखे जाने पर भी शाह ने तंज कस दिया। शाह ने कहा कि शायद उन्हें पढाने के लिए हिंदी में इस तरह का बैनर तैयार किया गया था। बीजेपी के एजेंडे में बंगाल इस वक्त काफी ऊपर है। बीजेपी को उम्मीद है कि देश के दूसरे प्रदेशों में अगर 2014 के मुकाबले सीटों की संख्या कुछ कम भी आती है तो उसकी भरपाई पश्चिम बंगाल जैसे राज्यो से कर ली जाएगी। इसके लिए पहले से ही बड़े प्लान पर काम चल रहा है।बीजेपी ने अपने लिए बंगाल में मिशन 22 + का लक्ष्य भी रखा है।