लखनऊ का हैदरगंज वार्ड द्वितीय: आठ महीने में ही धंस गयी सड़क
अवस्थापना निधि से बनायी गयी थी सड़क
शिकायत के बाद भी उदासीन बने रहे अधिकारी
नगर निगम के भ्रष्ट इंजीनियरों की करतूत उजागर
डी.एन. वर्मा
लखनऊ। शहर के हैदरगंज वार्ड-द्वितीय में सड़कों का हाल बेहाल है। सड़क और नाली निर्माण में मानक की खुलेआम उपेक्षा की गयी। प्रस्तावित सड़कों की लंबाई और चौड़ाई भी निर्धारित से कम साइज में बनायी गयी। सड़कों की गुणवत्ता के साथ जमकर खिलवाड़ किया गया। सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया गया। आलम यह है कि मानक के विपरीत बनीं सड़कें धंस रही हैं। हैदरगंज वार्ड द्वितीय के पिंक सिटी-दो में आठ महीने पहले अवस्थापना निधि से बनी सड़क पूरी तरह धंस चुकी है। सड़क पर गड्ढे बन गये, जिनसे गुजरना पैदल चलने वालों और बाइक सवार सबके लिए खतरनाक हो रहा है। इस समस्या की तरफ कई बार अधिकारियों से और नगर निगम के क्षेत्रीय जेई से शिकायत की गयी लेकिन बजट का रोना रोकर अधिकारी उदासीन बने रहे।
शहर में सड़कों की दुर्दशा पर नागरिक बेबस हैं। गड्ढायुक्त सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। डामर और गिट्टी सड़कों से उखड़ रही है। हालत यह है कि इन सड़कों पर चलना खतरनाक साबित हो रहा है। स्थानीय नागरिकों की कड़ी मशक्कत के बाद हैदरगंज वार्ड द्वितीय में कृष्णा इंटरप्राइजेज मोहान रोड से राकेश कुमार शर्मा गंगा बिहार कालोनी, पिंक सिटी फेस दो में सड़क व नाली निर्माण कराया गया था। महापौर डा. दिनेश शर्मा की प्रेरणा व क्षेत्रीय पार्षद पलक रावत के प्रयासों का गुणगान करते हुए सड़क बनने से पहले शिलान्यास का पत्थर भी लगा दिया गया था। स्थानीय नागरिक राजेश शर्मा ने बताया कि निर्माण के आठ महीने बाद ही सड़क और नाली उखडऩे लगी। क्षेत्रीय नागरिकों ने नगर निगम के इंजीनियर पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इसी वित्तीय वर्ष में यह सड़क बनायी गयी थी, आठ महीने भी सड़क नहीं चल सकी। बारिश में फिर यहां के लोगों को भारी परेशानी से गुजरना पड़ेगा। इस रोड से दिनभर भारी डम्पर गुजरते रहते हैं। मुख्य सड़क होने के चलते अवस्थापना निधि से इस सड़क का निर्माण कराया गया था, लेकिन गुणवत्ता व मानक से खिलवाड़ के कारण सड़क की यह हालत है। क्षेत्रीय नागरिकों ने प्रदेश सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए समस्या के समाधान की मांग की है।