- गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कई चिकित्सीय जांच चल रहीं हैं।
-
अस्पताल के सूत्रों ने रविवार को बताया कि अग्नाशय संबंधी बीमारी से पीड़ित पर्रिकर को गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रमोद गर्ग की निगरानी में पुराने निजी वार्ड में भर्ती कराया गया है।
-
सूत्रों ने कहा, ‘‘उनके कई टेस्ट चल रहे हैं।’’ पर्रिकर (62) को उनकी बिगड़ती सेहत के चलते राष्ट्रीय राजधानी लाया गया है।
-
वह अमेरिका से इलाज करा कर सितंबर के पहले सप्ताह में लौटे और इसके बाद उन्हें उत्तर गोवा के कैंडोलिम स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
-
साल की शुरुआत में पर्रिकर का अमेरिका में तीन महीने तक लंबा इलाज चला।
नई दिल्ली। काफी समय से बीमार चल रही गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर इन दिनों हॉस्पिटल से ही सरकारी कामकाज को कर रहे हैं। गोवा सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री सुदीन धवलीकर के ने बताया की मुख्यमंत्री हॉस्पिटल में ही सभी जरूरी सरकारी फाइलें देख रहे हैं। सुदीन धवलीकर ने बताया कि कोई भी सरकारी काम में देरी नहीं है, जो फाइलें मुख्यमंत्री को भेजी जा रही है वो उसको दो या तीन घंटे में निपटाकर वापस कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा के लिए सभी कैबिनेट सदस्य प्रत्येक बुधवार को समीक्षा बैठक भी कर रहे हैं।
15 सिंतबर को एम्स में कराया गया भर्ती
62 वर्षीय सीएम मनोहर पार्रिकर को 15 सितंबर को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। इससे पहले वह अमरीका से इलाज कराकर लौटे थे। सुदीन धवलीकर के अनुसार कैबिनेट बैठक की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री पर्रिकर के समक्ष रखा जाता है। भले ही सीएम हॉस्पिटल में हो, लेकिन उनकी उनुपस्थिति में सभी मंत्री अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं। जबकि सभी प्रशासनिक कार्यों की निगरानी मुख्य सचिव कर रहे हैं। आपको बता दें कि अस्वस्थ मनोहर पर्रिकर के गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने का बचाव करते हुए राज्य के लोक निर्माण विभाग मंत्री सुदीन धवलीकर ने कहा था, कि जे. जयललिता डेढ़ साल तक अस्वस्थ रहने के बावजूद तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनी रही थीं। धवलीकर ने गोवा राजभवन में भाजपानीत गठबंधन कैबिनेट में दो मंत्रियों के आधिकारिक प्रवेश पर आयोजित समारोह से इतर कहा था “हमने एक मुख्यमंत्री चुना है और वह अच्छा काम कर रहे हैं। जहां तक बात स्वास्थ्य की है, तो जयललिता के डेढ़ साल तक बीमार रहने पर किसी ने कोई मुद्दा नहीं उठाया। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मनोहर पर्रिकर के स्वास्थ्य का मुद्दा क्यों उठाया जा रहा है।” धवलीकर ने विश्वास जताया कि पर्रिकर ‘एक-एक कर’ गोवा सरकार के सामने आने वाले सभी मुद्दों का समाधान करेंगे। धवलीकर ने कहा था वह एक एक कर चीजों को रखेंगे। यह पहला कदम है (दो मंत्रियों का मंत्रिमंडल में प्रवेश), इसके बाद वह प्रभार बांटेंगे और उसके बाद अन्य कार्य होंगे। धवलीकर ने यह भी कहा था कि मंत्रियों को बाहर करना या नए लोगों को कैबिनेट में लाना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है।