सुबह नौ बजे से शुरू हुए तूफान का असर अपराह्न एक बजे तक जारी रहा। इस दौरान मुनस्यारी में तेज हवा चली। बर्फीले तूफान को देखते हुए मुनस्यारी और धारचूला तहसील प्रशासन ने अलर्ट घोषित कर दिया है।
मुनस्यारी में लोगों ने सुबह नौ बजे के आसपास पंचाचूली और उसके साथ सटी सिदमखान की चोटी से बर्फीला तूफान उठते देखा। कुछ मिनटों में मुनस्यारी में तेज हवा चलने लगी। मुनस्यारी के लीलम, पातो, क्वीरीजिमिया, साईपोलू, गोरीपार के इलाकों तक बर्फीले तूफान का असर देखा गया।
इन गांवों में करीब दो दर्जन घरों की छत उड़ गई। तहसीलदार खुशाल राम ने बताया कि बर्फीला तूफान आने के बाद अलर्ट घोषित कर दिया गया है। राजस्व कर्मियों को सजग रहने के निर्देश दिए गए हैं। लोगों से अपील की गई है कि वह कच्चे मकानों में न रहें।
ग्राम प्रधान लाल सिंह बिष्ट ने फोन पर तहसीलदार आईबी मल्ल को जानकारी दी। तहसीलदार ने बताया कि राजस्व टीम को नुकसान का जायजा लेने के लिए भेजा गया है।
बताया गया कि बर्फीले तूफान से हुए नुकसान की सूचना एकत्र करने में दिक्कत आ रही है, क्योंकि उच्च हिमालयी क्षेत्र के गांवों में संचार की कोई सुविधा नहीं रहती। नुकसान का आंकड़ा एकत्र करने में तीन-चार दिन का समय लग सकता है।
26 दिसंबर 2014 को भी आया था तूफान
उच्च हिमालयी क्षेत्र में इससे पहले 26 दिसंबर 2014 को बर्फीला तूफान आया था। तूफान से हुए नुकसान की पूरी जानकारी प्रशासन के पास एक महीने बाद आ पाई थी। इस समय उच्च हिमालयी क्षेत्र के गांवों में आबादी नहीं रहती। सभी परिवार माइग्रेशन पर घाटियों में आ जाते हैं। इस कारण ज्यादा नुकसान की आशंका नहीं रहती।
कैसे आता है बर्फीला तूफान
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि बर्फीला तूफान आने के पीछे मुख्य कारण हिमस्खलन रहता है, यदि हिमस्खलन और तेज हवा एक साथ मिल जाए तो बर्फीला तूफान बन जाता है। ऐसे तूफान की गति 100 से 150 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है। मौसम विभाग के उप महानिदेशक डा. आनंद शर्मा ने दिल्ली से फोन पर बताया कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फ की ऊपरी परत खिसकती रहती है। इस सीजन में हिमस्खलन की घटनाएं अक्सर होती हैं।