अद्धयात्म

अनंत चतुुर्दशीः इस तरह से कलाई पर बांधें अनंत सूत्र, कभी नहीं आएगा कोई संकट

भाद्र पद माह के शुक्ल पक्ष के चतुुर्दशी तिथि को भगवान अनंत का व्रत भी रखा जाता है। वहीं इसी दिन भगवान गणेश की भी विदाई की जाती है। माना जाता है कि भगवान अनंत की पूजा करने भक्तों पर कभी भी कोई संकट नहीं आता।  इस दिन अनंतसूत्र भी बांधा जाता है। अनंत चतुुर्दशी के दिन सुबह स्‍थान के बाद इस व्रत को करने का संकल्प लें। शास्‍त्रों के अनुसार पूजा किसी पवित्र नदी पर ही की जाती है, लेकिन आपके आस पास कोई नदी नहीं है तो ऐसे में घर में कलश की स्‍थापना करें। अनंत चतुुर्दशीः इस तरह से कलाई पर बांधें अनंत सूत्र, कभी नहीं आएगा कोई संकटकलश के ऊपर भगवान विष्‍णु की मूर्ति को स्‍थापित करें। ऐसी मूर्ति या फोटो का ही चयन करें , जिसमें भगवान शेषनाग पर लेट हुए हो। विष्‍णु जी के सामने खीरे से लपेट कर 14 गांठों वाला अनंत सूत्र समुद्र मंथन की तरह घुमाएं। माना जाता है कि समुद्र मंथन से ही भगवान अनंत आए थे। मंथन करने के बाद ऊँ अनंतायनमः मंत्र से भगवान विष्‍णु और अनंत सूत्र की पूरी विधि विधान से पूजा करें। पूजा होने के बाद अनंत सूत्र को पुरुष अने दाहिने हाथ पर और स्‍त्री अपने बाएं हाथ पर बांध लें। ये अनंत सूत्र आपको सभी कष्टों से दूर रखेगा।

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