अब हाजी अली दरगाह में महिलाएं कर सकेंगी सजदा
मुंबई। हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश के मामले में मुंबई हाईकोर्ट ने आज बड़ा फैसला दिया है। जस्टिस वीएम कनाडे और जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे की खंडपीठ ने महिलाओं को दरगाह में जाने की इजाज़त दे दी है। यहां 2012 में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। प्रतिबंध हटने से महिलाओं ने ख़ुशी जताई है।
हाजी अली दरगाह कमेटी अब सुप्रीम कोर्ट में करेगी अपील
मुंबई हाईकोर्ट के फैसले से नाखुश होकर अब हाजी अली दरगाह कमेटी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। जस्टिस कनाडे ने पिछली सुनवाई के दौरान 28 जून को फैसला सुना देने की उम्मीद जताई थी। हालांकि, 28 जून भी गुजर गया और निर्णय नहीं सुनाया जा सका।
याचिकाकर्ता नूरजहां सफिया नियाज की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव मोरे ने हाई कोर्ट में पैरवी की। नियाज ने अगस्त 2014 में अदालत में याचिका दायर कर यह मामला उठाया था।
उन्होंने हाईकोर्ट से सूफी संत हाजी अली के मकबरे तक महिलाओं के प्रवेश की इजाजत मांगी थी। अदालत ने दोनों पक्षों को आपसी सहमति से मामला सुलझाने को भी कहा, लेकिन दरगाह के अधिकारी महिलाओं को प्रवेश नहीं करने देने पर अड़े हुए हैं। अब वह सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात कर रहे हैं।