संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर देश भर में चल रहे बवाल के बीच देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए फिल्म पद्मावत के प्रतिबंध से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. अब यह फिल्म पूरे देश में 25 जनवरी को रिलीज होगी.जबकि करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कल्वी ने अपनी बात को जनता की अदालत में ले जाने की बात कही है.
गौरतलब है कि इस मामले में हुई सुनवाई में राजस्थान-मध्यप्रदेश सरकार की ओर से वकील तुषार मेहता ने पैरवी करते हुए कुछ ग्रुपों द्वारा हिंसा की चेतावनी का जिक्र कर कोर्ट से अपील की कि कानून व्यवस्था को देखते हुए फिल्म के रिलीज़ पर प्रतिबंध लगना चाहिए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को फटकार लगाते हुए कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. धमकी के बल पर इस याचिका को क्यों मंजूर नहीं किया जा सकता . कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि हिंसा को बढ़ावा देने वाले कुछ समूहों को राज्य सरकारें प्रोत्साहन नहीं दे सकती . सेंसर बोर्ड ने अपना काम कर दिया है. कोर्ट ने यह खुलासा भी किया कि हम लोग इतिहासकार नहीं हैं. साथ ही यह फिल्म यह नहीं कहती है, कि ये पूरी तरह इतिहास पर आधारित है.अंतिम फैसले के बाद राज्य सरकारों के बाद कोई विकल्प नहीं बचेगा.
दरअसल बात यह है कि राजस्थान और एमपी दोनों ही राज्यों में इस साल चुनाव होने हैं, इसलिए अपने-अपने राज्यों में हो रहे विरोध को लेकर राज्य सरकारें गंभीर हैं. इसलिए वे ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती जिससे नुकसान हो.राज्य सरकारों के अलावा करणी सेना और अखिल भारतीय क्षेत्रीय महासभा ने भी अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की हुई है. अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सरकारें क्या रुख अपनाती हैं यह देखना बाकि है . उधर इस फिल्म का विरोध अब भी जारी है .