आज 85 भारतीयों की होगी घर वापसी, काबुल से वायुसेना के सी-130जे विमान ने भरी उड़ान
नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद एयरपोर्ट के बाहर अराजक और हिंसक माहौल है और लोग सुरक्षित जगहों पर पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कई लोग देश छोड़कर बाहर जाने की कोशिश में लगे हैं। भारत ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान के लोगों के साथ ऐतिहासिक जुड़ाव को देखते हुए वहां के नागरिक समाज के लोगों, विचारकों, महिला कार्यकर्ताओं, विद्यार्थियों और गैर सरकारी संगठन के कार्यकर्ताओं को वीजा देने में प्राथमिकता देगा। इसके अलावा काबुल में फंसे भारतीयों को जल्द से जल्द वापस लाने के लिए सभी योजनाओं पर काम चल रहा है।
इसी बीच भारतीय वायुसेना के एक सी-130जे परिवहन विमान ने शनिवार को 85 भारतीयों के साथ काबुल से उड़ान भरी। यह विमान ताजिकिस्तान में रिफ्यूलिंग के लिए रुका, जिसके बाद यह अगले कुछ घंटों में भारत पहुंचेगा। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय के अफसर काबुल से देश के नागरिकों को निकालने की कोशिश में जुटे हैं। इस बीच वायुसेना का एक सी-17 परिवहन एयरक्राफ्ट काबुल के लिए उड़ान भरने के लिए तैयार है। सूत्रों के मुताबिक, इसके जरिए तालिबान के कब्जे के बाद जंग के हालात में उलझे अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जैसे ही पर्याप्त भारतीय नागरिक अफगान राजधानी के हवाई अड्डे पहुंचेंगे, वायुसेना का विमान काबुल रवाना हो जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि भारत अमेरिकी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है, ताकि भारतीय वायुसेना केपरिवहन एयरक्राफ्ट को काबुल तक पहुंचाया जा सके। सरकार को उम्मीद है कि इस सी-17 में 250 भारतीयों को निकाला जा सकता है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनमें से कितने हवाईअड्डे तक पहुंचने में सक्षम हैं, क्योंकि काबुल पर तालिबान का कब्जा है और हर चौकियों और चेकपॉइंट्स पर भी उसके लड़ाके नजर बनाए हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट की उड़ान मुश्किल साबित हो रही है, इसलिए आईएएफ को स्टैंडबाय पर रखा गया है। माना जा रहा है कि फिलहाल अफगानिस्तान में 400 से ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं, जिन्हें वहां से बाहर निकालने की जरूरत है। हालांकि, सटीक आंकड़ा फिलहाल साफ नहीं हो पाया है। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय अफगान नागरिकों के वीजा आवेदनों का भी आकलन कर रहा है।
भारतीय मिशन के लोगों के एक और समूह को वायुसेनाके दूसरे सी-17 में सवार किया गया था। इसमें राजदूत रुद्रेंद्र टंडन सहित 120 से अधिक लोग शामिल थे। उन्हें मंगलवार सुबह सुरक्षित रूप से अफगान हवाई क्षेत्र से निकला गया।