आप के पत्र
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मोदी सरकार की दूरदर्शी पहल
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी कहा करते थे कि सरकार के पास से जनता के लिए जो एक रुपया चलता है, वह उसके पास तक पहुंचते-पहुंचते 15 पैसे रह जाता है। मोदी सरकार ने सीधे लोगों के खातों तक जो सब्सिडी भेजने की व्यवस्था की है, उसमें भेजा गया धन पूरा पहुंचता है, एक पैसा भी कम नहीं। इस प्रकार पिछले दो वर्ष में लगकाग 2 लाख करोड़ रुपये सरकार से जनता को ट्रान्सफर हुए हैं। कहीं बीच में गोलमाल नहीं। मोदी सरकार की इस पहल से जहां देश में भ्रष्टाचार पर रोक लगी है वहीं आम आदमी को इसका पूरा फायदा मिल रहा है। ऑनलाइन होने वाले ट्रांजेक्शन से पूरी-पूरी पारदर्शिता होती है। यह सरकार की एक दूरदर्शी पहल है जिससे आने वाले समय में देश विकास के नये आयाम स्थापित करेगी।
-प्रीति पटेल, होलापुर-वाराणसी
बेटियों को मिले सम्मान
आजकल जिस प्रकार से हमारी बेटियां विभिन्न परीक्षाओं में आगे रही हैं, इन्हें देखकर समाज की आंखें खुल जानी चाहिए। बेटों से अधिक बेटियां अपने माता-पिता की सेवा करती हैं। हम अपने पुत्रों से अधिक बेटियों पर विश्वास रखते हैं लेकिन क्या कारण है कि हमारा समाज अपनी बेटियों को वह सुविधाएं नहीं देता जो अपने बेटों को देता है। यदि बेटियों को हम बेटों की तरह पालें, उन्हें अच्छी शिक्षा दें तो वह सबला हो सकती है। समस्या यह है कि दहेज प्रथा के कारण कुछ लोग बेटियों को बोझ समझते हैं। यदि समाज दहेज का दानव समाप्त कर दे तब ही नारी सशक्तिकरण का स्वप्न पूरा हो सकता है। हमारे देश में आज भी गरीब मां-बाप कम उम्र में ही अपनी लड़कियों की शादी कर देते हैं। उनके मन में यही सवाल उठता है कि अगर लड़की पढ़ेगी तो ज्यादा दहेज जुटाने में दिक्कत होगी। दूसरी सोच यह रहती है कि लड़की को पढ़ाने से हमें क्या लाभ होगा? समाज में लड़कियों के प्रति सकारात्मक सोच लाने के लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। साथ ही दहेज लेने तथा देने को दंडनीय अपराध घोषित किया जाना चाहिए। आशीष गर्ग, कानपुर
शीतल जल की व्यवस्था करे सरकार
भीषण गर्मी के कारण प्रदेश में लोगों के बीमार होने का सिलसिला जारी है लेकिन सरकार की ओर से किसी प्रकार के कोई प्रतिरोधात्मक प्रबंध नहीं किए गए हैं। इस समय लोगों को शुद्ध शीतल जल की आवश्यकता है। प्रशासन की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। अनेक लोग जल अल्पता के शिकार हो रहे हैं। जनता को सुविधाएं देना सरकार का काम है। इस पर सरकार को तत्परता के साथ काम करना चाहिए। इस साल गर्मी ने अपने सभी रिकोर्ड तोड़ दिए हैं। उत्तर तथा मध्य भारत समेत कमोबेश पूरा देश भीषण गर्मी की चपेट में है। झुलसा देने वाली गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह सार्वजनिक स्थलों जैसे रेलवे स्टेशन आदि पर शीतल जल की व्यवस्था करवाये। गर्मियों के कारण कुछ नदियां भी सूख गयी हैं। बिजनौर जिले में नगीना के पास गांगन तथा पाव धोई नदियां बहा करती हैं। वे सदानीरा हैं। पानी तो कम ही आता है लेकिन साल भर आता रहता है लेकिन कुछ महीनों से इन नदियों में पानी नहीं हैं। नदियों के अस्तित्व के सामने भी संकट पैदा होता जा रहा है। सरकार तथा पर्यावरणविदों को इस दिशा में गम्भीरता के साथ काम करना चाहिए। आखिर हमारी प्राकृतिक सम्पदा की सुरक्षा के लिए प्रयास क्यों नहीं किए जा रहे हैं? यदि यही स्थिति रही तो हमारी प्राकृतिक सम्पदाएं नष्ट हो जाएगी और देश में प्राकृतिक आपदाओं का संकट बढ़ जायेगा।
-बालेश गौतम, बिजनौर
मोदी सरकार के दो साल
मोदी सरकार के दो साल पूरे हो गए हैं। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने वादों पर खरे नहीं उतरे हैं। दालों के मूल्यों को लेकर घेरने का प्रयास कर रहा है। यह ठीक भी है कि दो वर्षों में दालों के मूल्यों ने आकाश को छुआ है, पर यह सरकार का दोष नहीं है। इसके लिए मौसम की बेरुखी दोषी है। कम से कम मोदी की सरकार ने देश को विकास की अवधारणा से अवगत कराया। जातिवाद तथा तुष्टीवाद से पृथक केवल राष्ट्रवाद को समर्पित मोदी सरकार पर घोटालों का कोई आरोप नहीं है जबकि इससे पहले की यूपीए सरकार में औसतन हर माह एक घोटाला सामने आता था। इन दो वर्षों में मोदी ने लोगों को आशावादी बनाया है। सत्तर साल की अव्यवस्था का हिसाब दो साल की सरकार से नहीं लिया जा सकता। फिर भी मोदी ने देश को दिशा देने का प्रयास किया है। विकास वहीं हो सकता है जहां कार्ययोजनाएं और कल्पनाएं हों। यह मोदी के पास है। इस नाते यह कहा जा सकता है कि मोदी का शासनकाल देश को विकास की ओर ले जाने वाला है। जो लोग जातिवादी राजनीति में विकास रखते हैं, उनके लिए मोदी असफल हो सकते हैं।
-आशीष प्रसाद, सीतापुर
नौकरियों का सृजन करे सरकार
आज देश में बेरोजगारी का भयंकर दबाव है। सरकार को चाहिए कि वह अधिक से अधिक नौकरियों का सृजन करे। यह आवश्यक नहीं है कि सरकार नियमित कर्मचारियों की भर्ती करे। वह संविदा के आधार पर भी नियुक्ति कर सकती है। अनेक विभाग ऐसे हैं जहां कर्मचारी कम हैं। वहां अनुबंधित कर्मचारी रखे जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त न्यायालयों में जजों के साथ अन्य कर्मचारियों का भी अभाव है। सरकार इस ओर किसी प्रकार का ध्यान नहीं दे रहीं है जबकि इस पर ध्यान देना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। चिकित्सा, न्याय तथा पुलिस ऐसी व्यवस्थाएं हैं, जहां कर्मचारियों की कमी नहीं होनी चाहिए पर, प्रदेश में ये विभाग ही सबसे अधिक उपेक्षित हैं। नौकरियों के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाया जाना चाहिए जिसमे सीमान्त, लघु तथा भूमिहीन श्रमिकों के बच्चों को नियुक्ति दी जा सके। इससे बेरोजगार युवाओं को कुछ राहत मिलेगी ।
-राहुल प्रताप सिंह, इलाहाबाद
चीन पर विदेश नीति सफल
चीन को लेकर भारत की विदेश नीति सफल होती नजर आ रही है। मसूद अजहर को लेकर भारत के रुख को चीन समझने लगा है। ऐसी सम्भावना है कि वह सुरक्षा परिषद में इस बार मसूद को लेकर भारत का साथ दे सकता है। वैसे चीन की बातों पर कोई विश्वास नहीं करता लेकिन जिस प्रकार से अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम बदल रहे हैं, उसमें चीन को भारत के सहयोग की जरूरत है। यदि वह मसूद के मामले में भारत का साथ नहीं देता तो शिजियांग प्रांत के विरोधियों के खिलाफ भारत का सहयोग उसे नहीं मिल सकता। समय बताएगा कि चीन का रुख क्या रहता है? लेकिन फिलहाल उसने भारत का साथ देने का संकेत दिया है। अपने पड़ोसी देशों के साथ भारत की विदेश नीति हमेशा ही सकारात्मक और अमन-चैन की रही है। चाहे वह बंग्लादेश हो, नेपाल या पाकिस्तान हो अथवा चीन। यह बात अगर चीन समझ लेता है तो यह उसके लिए बेहतर होगा और एशिया में अमन-शांति का पैगाम मजबूत होगा।
-समीक्षा सिंह, राईवीगो, सुलतानपुर