आर्थिक विकास की सुस्त रफ्तार से लगतार चौथे सप्ताह गिरा शेयर बाजार
मुंबईः शेयर बाजार साढ़े 4 प्रतिशत से अधिक लुढ़कर लगातार चौथे सप्ताह गिरावट पर रहा। सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) के कमजोर आंकड़ों के साथ ही यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ई.सी.बी.) के यूरोक्षेत्र का विकास अनुमान घटाना, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) का वैश्विक विकास अनुमान उम्मीद के विपरीत कमजोर रहने की आशंका और चीन की आर्थिक सुस्ती और गिरते निर्यात के जोखिम से वैश्विक मंदी गहराने के खतरे ने निवेशकों की घबराहट और बढ़ा दी, जिससे सप्ताहांत पर बी.एस.ई. का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सैंसेक्स 1190.48 अंक अर्थात 4.51 प्रतिशत गिरकर करीब 14 महीने के निचले स्तर 25201.90 अंक पर आ गया। आलोच्य सप्ताह निवेशकों की हताशा से नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एन.एस.ई.) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी भी नहीं बच पाया और यह 346.90 अंक यानि 4.34 प्रतिशत टूटकर करीब 13 माह के न्यूनतम स्तर 7655.05 अंक पर रहा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) दर 7 प्रतिशत रही जबकि वित्त वर्ष 2014-15 की चौथी तिमाही में यह 7.5 फीसदी रही थी। साथ ही 8 प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों की उत्पादन वृद्धि दर जुलाई में घटकर 1.1 प्रतिशत पर आ गई जो 3 महीने के निचला स्तर है। इससे हतोत्साहित निवेशकों की भारी बिकवाली से शेयर बाजार पर दबाव बना। निक्की पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक पर उत्पादन और नए ऑर्डरों दोनों के वृद्धि दर घटने से अगस्त में देश में विनिर्माण गतिविधियों का सूचकांक जुलाई के 52.7 के मुकाबले घटकर अगस्त में 52.3 पर आ गया। निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक एच.डी.एफ.सी. बैंक के आधार दर में 0.35 प्रतिशत की कटौती से अन्य बैंकों पर भी दर में कमी करने का दबाव बढऩे से बैंकिंग क्षेत्र की आय में कमी आने की आशंका ने भी सैंसेक्स और निफ्टी के प्रति निवेशकों की निवेशधारणा को कमजोर किया। इसके अलावा ई.सी.बी. के यूरोक्षेत्र का विकास अनुमान 1.5 प्रतिशत से घटकार 1.4 प्रतिशत करने और हालात और अधिक खराब होने की आशंका जताने के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की अध्यक्ष क्रिस्टीन लगार्ड के वैश्विक आर्थिक विकास की रफ्तार उम्मीद के विपरीत कमजोर रहने के बयान से बीते सप्ताह विदेशी बाजारों में आई भारी गिरावट का दबाव भी घरेलू शेयर बाजार पर देखा गया।