आर्थिक वृद्धि को गतिमान बनाने के लिए कानून का शासन जरुरी
पटना –बिहार ने पिछले दशक में 10.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि की है.इसकी सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आज कहा कि आर्थिक वृद्धि तथा विदेशी निवेश आकर्षित करने के वास्ते उपयुक्त माहौल बनाने के लिए कानून का शासन एक जरूरी शर्त है. उप राष्ट्रपति ने यह विचार बिहार चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री की 90वीं वषर्गांठ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किये.
बिहार की 10वीं आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट 2015-16 का हवाला देते हुए अंसारी ने कहा कि राज्य में पिछले दशक में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और विनिर्माण, निर्माण, बीमा तथा बैंक जैसे कुछ क्षेत्रों में इस दौरान 15 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई.उन्होंने कहा राज्य अगर विकसित राज्यों की कतार में शामिल होना चाहता है तो उसे आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाने तथा अगले दो दशक तक इस तीव्र वृद्धि दर को बनाये रखने की जरूरत होगी.
बता दें कि बिहार में प्रति व्यक्ति आय 7,914 रूपये से बढ़कर 15,640 रूपये हो गयी तथा देश की अर्थव्यवस्था में इसका योगदान 2.6 प्रतिशत से बढ़कर 3.3 प्रतिशत हो गया है. अंसारी ने कहा कि ये आंकड़े प्रभावी हैं लेकिन इन्हें राज्य की अर्थव्यवस्था के आधार को ध्यान में रखकर देखा जाना चाहिए. बिहार में अभी भी प्रति व्यक्ति आय का स्तर देश में सबसे कम है और इस मामले में वह मध्य प्रदेश से 10 साल तथा अखिल भारतीय स्तर पर 15 साल पीछे है.
हामिद अंसारी ने कानून के शासन पर जोर देते हुये कहा, ‘इसका मकसद तानाशाही वाले कानून से बचना या तानाशाही रूप से उसके क्रियान्वयन से बचना है. उच्चतम न्यायालय ने समानता लाने के लिये कानून के शासन को सामाजिक न्याय का एक प्रभावी जरिया करार दिया है. उपराष्ट्रपति ने कहा अत: तीव्र वृद्धि के लिये निवेश आकर्षित करने को लेकर कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखना जरूरी है.