आशुतोष महाराज केस: सरकार को मिली 3 हफ्ते की मोहलत
यह जवाब सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की बेंच के समक्ष दिया है। मामले में बेंच ने पंजाब सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। सरकारी वकील ने बेंच को बताया है कि अंतिम संस्कार कराने के मामले का हल निकालने के लिए सरकार को और समय चाहिए।
इस पर हाईकोर्ट ने तीन हफ्ते का समय देने की मांग मंजूर कर केस की सुनवाई स्थगित कर दी है। अगली सुनवाई तक संस्थान प्रमुख आशुतोष महाराज का अंतिम संस्कार फिलहाल नहीं होगा।
संस्थान भी इस मुद्दे के हल के लिए हाईकोर्ट से और समय की मांग कर चुका है। इसके बाद सुनवाई सामान्य तौर पर स्थगित होती रही। मंगलवार को पंजाब सरकार ने संस्थान से तालमेल बैठाने की बात कहते हुए यह भी बताया कि सरकार के प्रतिनिधियों ने संस्थान में जाकर संस्थान के प्रतिनिधियों से बातचीत की है, लेकिन अभी अंतिम निर्णय नहीं हो सका है।
दो वर्ष पूर्व आशुतोष महाराज को डॉक्टरों की टीम क्लीनिकली डेड करार दे चुकी है। इस पर एक याचिका दायर कर हाईकोर्ट से मांग की गई थी कि आशुतोष महाराज का अंतिम संस्कार कराया जाना चाहिए। हाईकोर्ट के जस्टिस एमएमएस बेदी की एकल बेंच ने सरकार को अंतिम संस्कार कराने का निर्देश दिया था, लेकिन संस्थान अपने स्टैंड पर अडिग रही कि आशुतोष महाराज समाधि में हैं।
वह कभी भी जीवित हो सकते हैं। एकल बेंच के फैसले पर रोक लगाने के लिए संस्थान, सरकार और आशुतोष महाराज का बेटा होने का दावा करने वाले दलीप झा ने डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी। इसी अपील की सुनवाई के दौरान जस्टिस एसकेमित्तल की डिवीजन बेंच ने संस्थान को सुझाव दिया था कि आशुतोष महाराज का सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार करमिसाल पैदा करनी चाहिए।