नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को गुजरात की एक अदालत से आध्यामिक गुरु आसाराम बापू के खिलाफ यौन उत्पीड़ने के मामले की सुनवाई को तेज करने के लिए कहा। अहमदाबाद के नजदीक स्थिति अपने आश्रम में एक महिला के साथ कथित यौन उत्पीड़न मामले में आसाराम पर यह मामला चल रहा है।
सर्वोच्च न्यायालय ने निचली अदालत को मामले में गवाहों का बयान दर्ज करने में तेजी लाने के लिए कहा है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. एस. केहर, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने कहा, “आसाराम मामले में जितना जल्दी संभव हो सके गवाहों से जिरह पूरी की जाए।”
अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता ने बुधवार को शीर्ष अदालत को बताया कि मामले में अभियोजन पक्ष के 29 गवाहों के बयानों पर जिरह पूरी हो चुकी है, जबकि अभी 46 गवाहों के बयानों पर जिरह होनी शेष है। मेहता गवाहों के बयानों पर जिरह के लिए शीर्ष अदालत से और अवधि की मांग की लेकिन शीर्ष अदालत ने मेहता से ‘मामले पर सुनवाई तेज करने और इसे अटकाए न रखने के लिए कहा’।
पीड़िता ने आसाराम पर अहमदाबाद के बाहरी मोटेरा इलाके में स्थित आश्रम में रहने के दौरान 2001 से 2006 के बीच यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पीड़िता की छोटी बहन ने आसाराम के बेटे नारायण साई पर भी इसी तरह का आरोप लगाया है। आसाराम पर राजस्थान स्थित अपने आश्रम में एक नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में पोक्सो के तहत भी मामला चल रहा है और वह इस समय जोधपुर केंद्रीय कारागार में न्यायिक हिरासत में हैं।