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इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा, मात्र 90 सेकंड में अभिनंदन ने ढेर किया मिग-21 से पाक का एफ-16

आजकल पूरे देश भर में हर तरफ अभिनंदन की ही चर्चा हो रही हैं और हो भी क्यों न भला आज वो अपने वतन वापस लौट चुके हैं। दरअसल जानकारी के लिए बता दें कि 27 फरवरी को जब पाकिस्‍तान के घुसपैठियों ने भारत पर हमला कर उसकी सीमा को पार करना चाहा तो उस दौरान भारतीय वायुसेना ने उसका जवाब देते हुए पाकिस्‍तान एयरफोर्स के एफ-16 फाइटर जेट्स को ढेर कर दिया और इसी दौरान अभिनंदन का मिग-21 जिसे जो कि महज 90 सेकेंड्स के अंदर ही एफ-16 को ढेर कर दिया था । जी हां आपको शायद पता नहीं होगा कि अभिनंदन ने फोर्थ जनरेशन के फाइटर जेट को 60 के दशक के जेट से गिराया और उनका ये साहस हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों पर उभर गया।

जानकारी के लिए बताते चलें अभिनंदन ने राजौरी जिले के नौशेरा तक आ गए एफ-16 को लौटने ही नहीं दिया। बल्कि उन्हेाने उसका पीछा किया और उसे बुरी तरह ध्वस्त कर दिया ताकि उन्हें भी भारत की ताकत का अंदाजा लग सके। आपको बता दें कि पाकिस्तान की तरफ से 27 को भारत में में पाकिस्‍तान एयरफोर्स के करीब 12 फाइटर जेट्स दाखिल हुए थे।

इनमें से अमेरिका में बने एफ-16 के अलावा फ्रांस के मिराज और चीन के जेएफ-17 जेट्स भी थे। जिनकी आहट मिलते ही हमारे जवान तुरंत अलर्ट हो गए और इसके तुरंत बाद अवंतिपोरा, श्रीनगर और दूसरे एयरबेस से फाइटर जेट्स रवाना किए गए। मिग-21 सबसे करीब थे इसलिए उन्‍होंने पाक‍ फाइटर जेट्स का पीछा किया। यहां से ही दोनों देशों के फाइटर जेट्स के बीच आसमान में डॉगफाइट शुरू हुई। इस युद्ध के दौरा कमांडर अभिनंदन जो कि मिग-21 के मास्टर माने जाते हैं उन्होने अमेरिकी के फोर्थ जनरेशन फाइटर जेट एफ-16 पर निशाना लगाया, जो कि ऐसा इतिहास में पहली बार है।

जी हां और भारतीय वायुसेना में यह कारनामा करने वाले अभिनंदन पहले पायलट बन गए हैं। उन्‍होंने 50 के दशक के मिग से 90 के दशक के एफ-16 को गिराया। आपको बता दें कि मिग-21 को रूस ने करीब 1958 में बनाया था और दूसरी ओर एफ-16 1998 का बना जेट है। इन दोनों की खासियत अपने आप में है पर जानकर हैरानी होगी कि मिग-21 की कीमत सिर्फ दो मिलियन डॉलर है तो वहीं एक एफ-16 18.8 मिलियन डॉलर का है। यही कारण है कि इन दोनों की रफ्तार में भी काफी अंतर है।

मिग-21 सोवियत रूस का बनाया हुआ लड़ाकू विमान है। जिसे पश्चिम में फिशबेड नाम से भी जाना जाता है। पहली बार ये 1972 में सेवा में आया। तब से अब तक मिग में कई बदलाव हुए हैं। मिग-21 खासी तादाद में गोला-बारूद ले जाने में सक्षम है। वहीं एफ-16 को फाइटिंग फाल्कन और वाइपर नामों से भी जाना जाता है। इसका निर्माण अमेरिका करता है। ये दुनिया के सबसे मशहूर लड़ाकू विमानों में से है। हवा से हवा में मार करने वाली 6 मिसाइलें ले जाने में सक्षम। हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें ले जाना संभव।

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