हिमाचल प्रदेश सरकार के बंदरों को मारने वालों के लिए इनाम घोषित किए जाने के बाद उत्तराखंड में भी बंदर उन्मूलन योजना शुरू किए जाने के लिए आवाज उठी है। गढ़वाल के पर्वतीय जिलों में पिछले तीन-चार वर्षों से बंदरों का उत्पात बढ़ा है।
खेती को तहस-नहस करने के साथ ही बंदर मानव पर भी हमला बोल रहे हैं। चमोली जिला बंदरों से सर्वाधिक त्रस्त रहा है। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के अधिकारियों की मानें तो चमोली जिले में पांच वर्षों में करीब 300 लोगों को बंदर घायल कर चुके हैं। रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि के सिल्ला गांव में वर्ष 2013 में घर के आंगन में सो रखे बच्चे को बंदर उठा कर खेतों में ले गए थे। करीब चार घंटे तक बंदरों ने मासूम को घेरे रखा। यही नहीं बंदर खेती के बड़े दुश्मन बन गए हैं। तमाम स्थानों में बंदरों से भयभीत होकर लोगों ने खेती करनी ही छोड़ दी है। सिंचित खेत बंजर हो गए हैं।