देहरादून: बेरोजगारी, पलायन और आजीविका के बेहद सीमित साधन और रहन-सहन की निम्न गुणवत्ता की चुनौतियों से जूझ रहे उत्तराखंड की बड़ी आबादी को आने वाले साल नई उम्मीदें बंधा रहे हैं। राज्य में 4.34 लाख से ज्यादा अति निर्धन व वंचित परिवारों के न्यूनतम एक सदस्य को आजीविका का साधन मुहैया कराया जाएगा। वहीं एक लाख युवाओं को रोजगार के नए अवसर और तकरीबन एक लाख किसानों को सस्ता ऋण बांटकर जीवन की दुश्वारियों से राहत दिलाने की योजना का खाका तैयार किया गया है।
कौशल विकास योजना के तहत हजारों युवाओं को प्रशिक्षण देकर अपने पैरों पर खड़ा करने की तैयारी है। जनसंख्या नियोजन की सरकार की योजनाएं अंजाम तक पहुंची तो आगामी दो से चार वर्षों में रोजगार के नए मौकों के साथ सभी बेघरों को आवास की सौगात तो हजारों घर बिजली, पानी, रसोई गैस जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित नहीं रहेंगे।
राज्य सरकार ग्राम्य विकास, उद्योग, पर्यटन आवास, ऊर्जा, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, सहकारिता, कृषि, उद्यान, कौशल विकास, पेयजल, शहरी विकास, पंचायती राज समेत तमाम महकमों में महत्वाकांक्षी योजनाओं के बूते आम आदमी के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का खाका तैयार करने में जुटी है। इनमें कई योजनाएं केंद्रपोषित हैं, जिन्हें शिद्दत से धरातल पर उतारने की दिशा में काम चल रहा है। इन योजनाओं को राज्य में अवसंरचनात्मक सुविधाओं के विकास के लिहाज से अहम समझा जा रहा है। ये परवान चढ़ीं तो पलायन जैसी विकट और बेहद अनसुलझी गुत्थी को सुलझने में ज्यादा दिक्कत नहीं होने वाली।
पलायन की जगह रिवर्स पलायन
राज्य के बड़े विषम भू-भाग में दशकों से अभावों ने बड़ी आबादी को पलायन को मजबूर कर दिया है। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए कोशिशें ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुईं, लेकिन अब चार धाम ऑलवेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन, चार धाम रेल नेटवर्क और सीमांत अति दुर्गम उच्च हिमालयी क्षेत्रों में सड़क परियोजनाएं पर्यटन, रोजगार और आजीविका के नए अवसर के लिहाज से अहम मानी जा रही हैं। इस वजह से आने वाले वर्षों में रिवर्स पलायन की उम्मीदें संजोई जाने लगी हैं। परंपरागत खेती को जैविक खेती के नए रूप-रंग में ढालने की कवायद परवान चढऩे के साथ ही जनशून्य हो चुके गांवों में भी चहल-पहल लौटने की संभावनाएं देखी जा रही हैं।
सेवा क्षेत्र में रोजगार के मौके
राज्य सरकार ने विजन 2020 का जो खाका बनाया है, उसके मुताबिक अगले तीन सालों में एक लाख नए रोजगार पैदा होंगे। इसके लिए सेवा के क्षेत्र पर बड़ा दारोमदार रहने जा रहा है। खासतौर पर पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाओं को खंगाला जाने लगा है। बीते पांच वर्ष में यह 33.9 फीसद से बढ़कर 36.5 फीसद पर पहुंच गया। चार धाम मार्गों के इर्द-गिर्द नए होटल, रेस्तरांओं, ढाबों के साथ ही परिवहन सेवाओं का विस्तार तकरीबन तय माना जा रहा है। इन क्षेत्रों में सरकार की मदद से एक लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। पांच हजार पर्यटक होम स्टे और 200 स्टार्ट अप के जरिए हजारों युवाओं को स्वरोजगार के नए मौके मिलेंगे।
4.34 लाख लोगों को आजीविका
आगामी वर्षों में राज्य के 4,34614 अति निर्धन परिवारों को आजीविका मुहैया कराई जाएगी। एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना (आइएलएसपी) और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम (एनआरएलएम) के तहत इस योजना को अंजाम दिया जाएगा। 11 पर्वतीय जिलों के 41 ब्लॉकों में वंचित परिवारों को आजीविका के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे।