देहरादून: उत्तराखंड में नमामि गंगे को लेकर कैग (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि अभी भी तकरीबन 65 नाले गंगा में गंदगी गिरा रहे हैं। इसे लेकर सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, शासन का कहना है कि नमामि गंगे में कार्य पूरा करने के लिए मार्च 2019 तक का समय है, सारे काम अवार्ड किए जा चुके हैं और निश्चित समय तक काम पूरा कर लिया जाएगा।
हाल ही में लोकसभा में नमामि गंगे योजना के तहत हुए कार्यों को लेकर कैग की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इस रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि उत्तराखंड में अभी भी हरिद्वार और ऋषिकेश में 65 नालों से बिना ट्रीटमेंट के तकरीबन 54 एमएलडी गंदा पानी गंगा में गिर रहा है। इस के लिए अभी तक ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक हरिद्वार में भेल की ओर से सोशल कारपोरेट रिस्पांसिब्लिटी (सीएसआर) के तहत पूरे शौचालयों का निर्माण नहीं किया गया है।
रिपोर्ट सामने आने के बाद शासन ने इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। प्रोजेक्ट डायरेक्ट नमामि गंगे राघव लांघर का कहना है कि कैग को यह जानकारी शासन ने ही उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को नमामि गंगे के तहत इन नालों से आने वाले गंदे पानी को रोकने के कार्य कराने लिए इसी वर्ष मार्च अप्रैल में 875 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इसके लिए 20 योजनाएं बनाई गई हैं।
इनकी डीपीआर बनाने के साथ ही बिड डॉक्यूमेंट बनाने की सारी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद काम भी दिए जा चुके हैं। इनमें से कुछ काम इसी माह हरिद्वार में शुरू भी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ योजनाओं ने दिसंबर 2018 और कुछ ने दिसंबर 2019 तक पूरा होना है। प्रदेश के पास इसके लिए अभी ढाई वर्ष का समय है। इस अवधि में यह काम पूरा करा दिया जाएगा।