अपराध

एक रेप मामले को लेकर दो अधिकारियों के बीच खिंची तलवारें

दस्तक टाइम्स/एजेंसी
 gunगुडग़ांव का पुलिस विभाग दो अधिकारियों के बीच टकराव के दौर से गुजर रहा है। रेप के एक मामले में विभाग के दो सीनियर अफसरों के बीच तलवारें खिंच गई हैं। यह लड़ाई पुलिस कमिश्रर व ज्वाइंट पुलिस कमिश्रर (ट्रैफिक) के बीच है। सीपी नवदीप सिंह विर्क ने ज्वाइंट सीपी भारती अरोड़ा पर रेप के आरोपी को बचाने का आरोप लगाया है वहीं ज्वाइंट सीपी भारती अरोड़ा ने विर्क पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग कर दी है। साथ ही दावा किया है कि रेप मामले का दर्ज हुआ मुकदमा ही पूरी तरह से गलत है। ज्वाइंट कमिश्नर ने पुलिस कमिश्नर पर उनकी जासूसी कराने का भी गंभीर आरोप लगाया है। ज्वाइंट सीपी ने इस सम्बंध में डीजीपी को पत्र भी लिखा है जबकि दूसरी ओर पुलिस कमिश्रर नवदीप सिंह विर्क ने भी अपनी रिपोर्ट प्रदेश के डीजीपी यशपाल सिंगल को भेजी है। उधर, डीजीपी यशपाल सिंगल ने जारी अपने बयान में कहा है किगुडग़ांव पुलिस के दोनों अधिकारियों की शिकायतें मिली हैं और उनमेंं लगे आरोपों की जांच की जा रही है। डीजीपी सिंघल ने बताया कि मीडिया में जाने की बजाय विभागीय स्तर से मामला निपटाना चाहिए था। इस बीच गुडग़ांव पुलिस के इन अधिकारियों के बीच का विवाद मंगलवार को उस वक्त खुलकर सामने आ गया जब दोनों अधिकारियों ने अलग-अलग प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी बात रखीं। दिलचस्प बात यह है कि यह प्रेस कांफ्रेंस महज आधे घंटे के अंतराल में अलग-अलग बुलाया गया। जिस रेप केस के लिए दोनों अधिकारियों के बीच टकराव बढ़ा है वह भी काफी हाइप्रोफाइल है। बतौर उपायुक्त रह चुके आर.पी. भारद्वाज के बेटे अजय भारद्वाज पर लिव-इन-रिलेशन के पार्टनर के साथ शादी का झांसा देकर रेप करने और धमकी देने का आरोप है। इस मामले में पुलिस ने अजय भारद्वाज को उसके नोएडा ऑफिस से पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार कर लिया था।जिस युवती ने रेप का आरोप लगाया है वह मिस चंडीगढ़ रह चुकी है और काफी हाइप्रोफाइल है। इसकी काफी ऊंचे ओहदे के लोगों के साथ जान पहचान है। भारती ने सुशांतलोक में अपने ऑफिस में प्रेसवार्ता के दौरान स्पष्ट आरोप लगाया कि हाई प्रोफाइल लडक़ी और पुलिस कमिश्रर विर्क के बीच काफी नजदीकी सम्बंध हैं। जिस कारण वह (विर्क) इस केस मे उन (भारती अरोड़ा) पर अनावश्यक दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ज्वाइंट सीपी अरोड़ा ने दावा किया है कि रेप का यह आरोप पूरी तरह से फर्जी है फिर भी पुलिस कमिश्रर द्वारा अजय भारद्वाज को फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं पुलिस कमिश्रर नवदीप सिंह विर्क कहा कि पीड़िता ने आरोप लगाया है कि ज्वाइंट पुलिस कमिश्रर आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही हैं क्योंकि आरोपी की बहन की ज्वाइंट कमिश्रर से काफी नजदीकी सम्बंध हैं। विर्क ने बताया कि इस पूरे मामले की रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक के यहां भेज दी गई है।ज्वाइंट सीपी भारती अरोड़ा का कहना है कि इस मामले की जांच डीजीपी हरियाणा ने उनको दी थी। बीते 23 जुलाई को वो गुडग़ांव पुलिस कमिश्रर से मामले में बात करने गई तो मामले के आई.ओ. को बुलाकर पुलिस कमिश्रर ने उसे फटकार लगाई कि इस मुकदमें में 307 क्यों नहीं लगाई गई। जिसपर उनकी बहस भी हुई। 10 अगस्त को भारती अरोड़ा ने 23 पन्नों की सारी रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक को भेज दी थी।भारती अरोड़ा ने कहा कि 7-8 साल पहले अजय भारद्वाज उक्त महिला के अच्छे संबंध थे। घर में ही दोनों ने शादी कर ली थी। अजय भारद्वाज से महिला को दो बच्चे भी हुए। भारती आरोड़ा का कहना है कि जो महिला पत्नी की तरह 7 साल तक जीवन व्यतीत करे उसको रेप कैसे कहा जा सकता है।

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