एक ही झटके में खत्म हो गया घर में सो रहा परिवार, पहिए में फंस गईं लाशें
-घर के बाहर सो रहे दामाद कपिल चौधरी बाल-बाल बच गए। मिट्टी का घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। इस घटना में राजो चौधरी का परिवार एक ही झटके में खत्म हो गया।
-राजो चौधरी का रो-रोक कर बुरा हाल है। इस दौरान उन्होंने कई बार ग्रामीणों से कहा कि वे उन्हें भी मार दें, जिंदा रहने से क्या फायदा। ग्रामीणों ने उन्हें किसी तरह समझा बुझा कर रोके रखा।
-राजो चौधरी ने बताया कि सभी परिवार के सदस्य एक साथ मंगलवार को हंसी-खुशी भोजन करने के बाद सोने चले गए।
-महिलाएं, बच्चों को लेकर घर में सो रहीं थीं। वहीं, राजो चौधरी तथा उनके ससुर लालो चौधरी घर के समीप ही फार्म हाउस में जा कर सो गए।
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-घर के बगल में ही उनका दामाद कपिल चौधरी तथा नाती सोया हुआ था। घटना के समय ट्रक दामाद के खटिया से भी टकराया था, लेकिन वे अपने बेटे के साथ छिटक कर दूर जा गिरे।
-इसलिए उनकी जान बच गई। अगर वे भी घर में रहते, तो उनकी भी जान जा सकती थी। झोपड़ी के बाहर कई बकरियां बंधी हुई थीं, वे भी ट्रक की चपेट में आकर मर गईं
-टक्कर इतनी जोरदार थी कि सभी लोगों का शव क्षत-विक्षत हो गया। सोना देवी (48) का शव ट्रक के पिछले चक्का तथा पुत्र मिठुन कुमार (15) का शव आगे के चक्के से दबा हुआ था।
-काफी मशक्कत के बाद जेसीबी से किसी तरह ट्रक को थोड़ा आगे-पीछे करने के बाद मां-बेटा दोनों का शव करीब 3 घंटे बाद निकाला जा सका।
-पीड़ित परिवार एनएच 33 सड़क किनारे ताड़ी बेचकर तथा घर पर बकरी पाल कर किसी तरह अपना गुजर-बसर करता था।
-वे लगभग 15-20 सालों से नूतनगढ़ में रह रहे थे। राजो चौधरी के नाम से बीपीएल कार्ड भी बना हुआ है। वे मूल रूप से बिहार के नवादा जिला के रहने वाले हैं।