ऑगस्टा वेस्टलैंड मामला: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और सीबीआई से मांगा जवाब
एंजेंसी/ नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा मामले में इतालवी अदालत के फैसले में नामित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर केंद्र और सीबीआई को नोटिस जारी किया। साथ ही, कोर्ट की निगरानी में इस घोटाले की एसआईटी जांच पर जवाब मांगा है। गौर हो कि इस याचिका में कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की गई।
यह जनहित याचिका पिछले सप्ताह दायर की गई थी और इसमें संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत उन नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की गई है, जिनके नामों का जिक्र इतालवी अदालत के फैसले में कथित रूप से किया गया था। सीबीआई ने राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री समेत वीवीआईपी लोगों को लाने ले जाने वाले 12 हेलीकॉप्टरों के सौदे के लिए फर्म की ओर से भारतीयों को दी गई कथित रिश्वत के मामले में 2013 में मामला दर्ज किया था।
याचिका में रक्षा मंत्रालय एवं सीबीआई को पक्ष बनाया गया है। इसमें उन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए जाने की मांग की गई है जिनका नाम मिलान में इतालवी अदालत द्वारा सात अप्रैल 2016 को सुनाए गए फैसले में कथित रूप से लिया गया है। इस याचिका में मामले की जांच अदालत की निगरानी में एसआईटी या सीवीसी से कराने की मांग की गई है और इसमें कई कानूनी प्रश्न उठाए गए हैं। याचिका में प्रश्न किया गया है कि क्या इतालवी अदालत का फैसला अभियोग चलाने के लिए ‘पर्याप्त नहीं’ है।
याचिका में कहा गया है कि यह जांच वर्ष 2011 में इस आरोप के तहत इटली में शुरू की गई थी कि अगस्तावेस्टलै।ड ने सौदा करने के लिए स्विट्जरलैंड के सलाहकार गुइडो राल्फ हैश्के को 350 करोड़ से अधिक रपए का कमीशन दिया। इसमें कहा गया है कि इटली की जांच का दायरा कथित कमीशन के धन के भारत पहुंचने पर खत्म होगा। जांच इस बारे में नहीं की जाएगी कि भारतीय प्रतिष्ठान में किसे धन दिया गया। याचिका में कहा गया कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में इटली में कार्रवाई की गई है। कंपनी के सीईओ को गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन यहां कोई कदम नहीं उठाया गया। जिस देश को सौदे से लाभ होता, उसने कार्रवाई कर ली है लेकिन जिस देश के धन का नुकसान हुआ है, उसने कोई कदम नहीं उठाया।