नई दिल्ली : महीनों से चल रहे गतिरोध को दूर करते हुए सरकार ने शनिवार को सशस्त्र बल के लिए वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना लागू करने की घोषणा कर दी तथा पिछले तीन महीने से धरने पर बैठे पूर्व सैनिकों ने पहले तो सरकार के फैसले पर असंतुष्टि जाहिर की, हालांकि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात करने के बाद लागू की जा रही ओआरओपी योजना पर अंतत: संतुष्टि जता दी। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को आनन-फानन में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा, “भारी वित्तीय बोझ के बावजूद पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए किए गए अपने वादे को पूरा करते हुए सरकार ने ओआरओपी योजना लागू करने का फैसला किया है।” पर्रिकर ने कहा कि 15 दिन से एक महीने के भीतर ओआरओपी का लागू करने वाला आदेश जारी कर दिया जाएगा। साथ ही पर्रिकर ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर ओआरओपी को लेकर गलत गणना करने का आरोप लगाया और कहा कि इसी वजह से इसे लागू करने में विलंब हुआ। पर्रिकर ने साथ ही पूर्व सैनिकों से धरना बंद करने और राष्ट्र निर्माण में अपने योगदान को आगे बढ़ाने का आह्वान भी किया। उधर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ओआरओपी योजना लागू किए जाने का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक फैसला बताया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहकर धन्यवाद किया कि यह सुरक्षा कर्मियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी। रक्षा मंत्री की घोषणा के थोड़ी देर के बाद ही शाह ने पत्रकारों से कहा, “हमने केवल अपने वादे को ही पूरा नहीं किया बल्कि इसे लागू भी किया। मोदी सरकार ने सेवानिवृत्त और सेवारत सैनिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है।”
पर्रिकर ने भी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की आलोचना की और 2009 में एक पूर्व राज्यमंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा, “प्रशासनिक, तकनीकी और वित्तीय परेशानियों के कारण मौजूदा सरकार को ओआरओपी को लागू करने में विलंब हुआ।” मंत्री ने यह भी कहा कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले पूर्वसैनिकों को ओआरओपी योजना की सुविधा नहीं मिलेगी। ओआरओपी योजना लागू करने की मांग को लेकर जंतर मंतर पर धरना दे रहे पूर्वसैनिकों ने शुरुआत में तो कहा कि वे इस मुद्दे पर सरकार की घोषणा से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन रक्षा मंत्री के साथ बैठक करने के बाद मसला सुलझ गया। रक्षा मंत्री से बैठक के बाद अभियान की अगुवाई कर रहे मेजर जनरल सतबीर सिंह ने पत्रकारों से कहा कि बैठक में उन्होंने स्व सेवानिवृत्ति लेने वाले कर्मचारियों को ओआरओपी न दिए जाने पर बातचीत की। सिंह ने कहा, “समयपूर्व सेवानिवृत्ति के मुद्दे पर हम चर्चा चाहते थे। रक्षामंत्री ने पुष्टि की कि सशस्त्र बलों में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति नहीं है, बल्कि सिर्फ समय पूर्व सेवानिवृत्ति है।” उन्होंने कहा, “जी हां, इस बयान के बाद हम संतुष्ट हैं।”