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कर्नाटक : उप मुख्यमंत्री पद न मिलने से नाखुश जी परमेश्वर को गृह मंत्रालय देकर खुश करने की कोशिश

karnataka-assembly_650x400_61436428226दस्तक टाइम्स/एजेंसी- नई दिल्ली:
बेंगलुरु: कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर का उप मुख्यमंत्री बनने का सपना इस बार मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल में भी पूरा नहीं हो सका। उन्हें गुरुवार को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई और शुक्रवार को देर शाम हुए गृह मंत्रालय का कार्यभार केजी जॉर्ज से लेकर सौंप दिया गया।

सन 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में वे हार गए लेकिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर उन्हें बनाए रखा गया। जी परमेश्वर और मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। दोनों एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते। जी परमेश्वर उप मुख्यमंत्री बनना चाहते थे लेकिन सिद्धारमैया सत्ता के बंटवारे के लिए तैयार नहीं हुए। हालांकि उन्हें मनाने की हर मुमकिन कोशिश की गई।

लोकसभा चुनाव के साथ-साथ ग्राम पंचायत और विधानसभा के उप चुनाव में कांग्रेस ने मोदी फैक्टर के बावजूद बीजेपी से बेहतर प्रदर्शन किया और इसका श्रेय बहुत हद तक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को जाता है। इसलिए कांग्रेस आलाकमान फिलहाल उन्हें नाखुश करने के मूड में नहीं दिखता। जी परमेश्वर की दूसरी पसंद फाइनेंस पोर्टफोलियो था लेकिन कहा जाता है कि मुख्यमंत्री इसके लिए भी तैयार नहीं हुए और इसे अपने पास रखने में कामयाब रहे।

गृह मंत्रालय छिनने से केजी जॉर्ज खासा नाराज हैं। केरल के कई प्रभावशाली कांग्रेस नेता उनके साथ हैं। लाटरी स्कैम में जहां उनका नाम भी उछला वाहां आईएएस अधिकारी डीके रवि की आत्महत्या के मामले के साथ-साथ स्कूलों में मासूम बच्चियों के साथ बदसलूकी के मामलों को सही ढंग से हैंडल न करने का आरोप भी उन पर लगा। साथ ही साथ मारपीट के एक मामले में उनके परिवार पर हस्तक्षेप का आरोप लगा। इस वजह से कयास लगाए जा रहे थे कि गृह मंत्रालय में उनका बना रहना मुश्किल है।

 

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