कर्नाटक में फिर आया सियासी भूचाल, अब कुमारस्वामी पर मंडराया खतरा
कर्नाटक सरकार पर राजनीतिक संकट के बादल छाते दिखाई दे रहे हैं। जेडीएस और कांग्रेस की गठबंधन से बनी कुमारस्वामी की सरकार पर शपथ लेने से पहले से ही किसी न किसी वजह से विवादों में बनी हुई है। कुमारस्वामी की सरकार पांच जुलाई को पहला बजट पेश करने वाली है लेकिन एक बार फिर कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार कभी भी गिर सकती है। मंत्रिमंडल में सीटों की संख्या को लेकर शुरू हुआ विवाद, फिर कैबिनेट पद और अब बजट को लेकर विवाद जारी है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बजट और किसान के लोन माफी को लेकर वीडियो वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ रहा है। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि वह इस बजट में चुनाव से पहले किए गए वादों को पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगे। वहीं इसी बजट में किसानों को दी जाने वाली लोन माफी को लेकर भी वह काफी उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि वह किसी की दया पर या फिर भीख मांगकर मुख्यमंत्री नहीं बने हैं। लेकिन उनपर बजट को लेकर दवाब बनाने की कोशिश की जा रही है।
बता दें कि फिलहाल तेजी से प्रदेश का विकास करने का वादा करने वाली कर्नाटक सरकार के मंत्रियों और विधायकों ने एक बार फिर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। कर्नाटक की राजनीतिक हलकों में खबर यह भी है कि जितने कांग्रेस के विधायक हैं वह भारतीय जनता पार्टी से मिलते नजर आ रहे हैं और भाजपा के संपर्क में हैं।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, जो जेडी (एस)-कांग्रेस समन्वय समिति के अध्यक्ष भी हैं, इस समय हिमाचल के धर्मशाला में नैचुरोपैथी की शरण में हैं। उनका कहना है कि वह इस समय पूर्णतया ब्रेक पर हैं और अपने उपचार के दौरान फोन कॉल्स भी नहीं उठा रहे हैं। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि उनकी अपने विश्वसनीय एसटी सोमशेखर, बी सुरेश और एन मुनिरत्न के साथ लगातार बातचीत जारी है। कर्नाटक सरकार के गिरने की बात तब और पुख्ता होती हुई लगी जब सिद्धारमैया का एक वीडियो वायरल हो गया जिसमें वह कुमारस्वामी के नए बजट में किसानों का लोन पूरी तरह माफ किए जाने को खारिज करते नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा, भाजपा अध्यक्ष अमितशाह से मिलने अहमदाबाद निकल गए। पिछले एक महीने से येदियुरप्पा ने चुप्पी साधने के बाद अमित शाह से उनकी यह मुलाकात कर्नाटक के राजनीतिक हलकों में खलबली मचाने के लिए काफी है।