एक तरफ कांग्रेस मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के बाद अपने किए हुए वादों को पूरा कर मोदी सरकार पर हमला कर रही है। कांग्रेस ने किसानों से किए कर्जमाफी के वादे को पूरा किया हैं। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर अब लोकसभी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। वहीं एक इंग्लिश अखबार के मुताबित किसानों को ऐसा लगता हैं कि जब से केंद्र में मोदी की सरकार आई हैं, तब से उनकी आय कम होनी लगी हैं और खर्चे ज्यादा बढ़ने लगे हैं, जिसके चलते किसानों के मन में पीएम मोदी के खिलाफ गुस्सा हैं।
किसानों का कहना हैं कि आय कम और ज्यादा खर्चे मोदी राज में हो रहे हैं, तो ऐसे में वे नरेंद्र मोदी को वोट क्यों दे। सूत्रों की मानें तो किसानों का झुकाव अब कांग्रेस की ओर धीरे-धीरे होता जा रहा हैं। इस पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि कर्ज माफी कृषि क्षेत्र की समस्या का हल नहीं हैं। यह बात सच हैं कि कर्ज केवल एक समस्या हैं। लेकिन कृषि की दशा में सुधार, किसानों की लागत घटने और उनकी आय को बढ़ाने को लेकर अभी तक कोई योजना नहीं बनी हैं। यानी स्थिति वैसी की वैसी हैं।
किसान फिर कर्ज लेंगे और स्थिति फिर वैसी बन जायेगी। आय न होने के कारण फिर किसान कर्ज के बोझ तले दब जायेगा। इस को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और उनके मंत्री अब तक यह दावा करते आए कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मोदी सरकार योजना बना रही है। लेकिन, अब इस दावे की पोल उन्हीं के मंत्री ने खोल दी है। दरअसल, शीतकालीन सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में केन्द्रीय राज्य मंत्री के रूप में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय संभाल रही साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा है कि सरकार की ओर से खाद्य प्रसंस्करण के जरिए किसानों की आय को दोगुनी करने की कोई योजना सरकार नहीं बना रही है।
साध्वी निरंजन का बयान ऐसे समय में आया, जब पीएम मोदी खुद अपने बयान में कह रहे हैं कि उनकी सराकर 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की योजना बना रही है। किसानों को लेकर सांसद आर पार्थिपन और जोएस जॉर्ज ने सरकार से कुछ सवाल पूछे थे। इन्हीं सवालों में उनका एक सवाल था कि क्या खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री यह बताएंगी कि सरकार खाद्य प्रसंस्करण के जरिए किसानों की आय को दोगुना करने की कोई योजना बना रही है? अगर हां तो ब्यौरा क्या है? इस पर 18 दिसंबर को दिए गए लिखित में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने नहीं में जवाब दिया। इसका मतलब यह है कि किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर सरकार कोई योजना नहीं बना रही है।