किसान पिता ने हेलीकॉप्टर से की अपनी बेटी की विदाई, फिर बेटी ने जो कहा वो जानकर आँखे नम हो जाएँगी
एक बेटी के माँ बाप का सबसे बड़ा सपना और जिम्मेदारी होती है बेटी की शादी और शादी के लिए हर माता पिता जब से बेटी का जन्म होता है तभी से उसके शादी के लिए पूंजी जमा करना शुरू कर देते हैं ताकि जब वो उसकी शादी करें तो किसी बिह तरह की कमी ना रहे |हर कोई अपनी हैसियत के हिसाब से बेटी की शादी में पैसे खर्च करता है लेकिन आज हम आपको एक ऐसी शादी के बारे में बताने जा रहे है जिसमे एक मध्यमवर्गीय किसान ने अपनी बेटी की शादी में कुछ ऐसा किया जिसे देखने के बाद हर कोई किसान के काम के लिए उसकी तारीफों के पुल बांध रहा है |
आज हम आपको उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में रहने वाले एक किसान के बारे में बताने जा रहे हैं. जिन्होंने अपनी बेटी के लिए ऐसा काम किया जो की बहुत ही हैरान करने लायक है. उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के मैरी गांव में रहने वाले एक किसान दंपति ने अपनी बेटी की विदाई हेलीकॉप्टर में करके यह साबित कर दिया कि माँ बाप के लिए बेटी बेटो से कम नहीं होती है.
किसान पिता ने कहा- बेटी की इच्छा थी, जो पूरी कर दी
झांसी शहर के नजदीक मैरी गांव के रहने वाले राकेश सिंह यादव ने बताया कि उसकी लाड़ली बेटी ने हेलीकॉप्टर से अपनी विदाई की इच्छा जाहिर की थी, जिसे पूरा कर दिया गया है. उसकी तीन बेटियों में सबसे छोटी यही थी. बेटी चाहती थी कि वह हेलीकॉप्टर में विदा हो. उसने उसकी इच्छा का सम्मान किया और हेलीकॉप्टर का इंतज़ाम कर उसी से विदा कराई|जब इस तरह हेलीकाप्टर से बेटी की विदाई हुई तो राकेश सिंह यादव की बेटी का तो मानो ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा और उसने कहा की मैंने बचपन से ही ये सपना देखा था की मै उड़ के अपने ससुराल जाऊं और मै बहुत ही ज्यादा खुश हूँ की मेरे माता पिता ने मेरे इस सपने को पूरा कर दिया और मुझे वो ख़ुशी दी जिसकी मुझे चाहत थी अब मै अपने माता पिता से कभी कुछ नहीं मांगूंगी |
गांव वालों और परिजनों में दिखा उड़नखटोले का क्रेज
दुल्हन के साथ साथ इस शादी के विदाई की रस्म देखने के लिए गांव वालों में भी काफी क्रेज दिखाई दिया |क्योंकि इस शादी के और सभी रस्मों से ज्यादा भीड़ विदाई के रस्म के समय उमड़ी थी हर कोई दुल्हन को हेलीकाप्टर से विदा होते देखना चाहता था |गांव के बच्चे से सुबह से ही मैदान में हेलीकाप्टर के इन्तजार में बैठे हुए थे |
शादी की रस्मों के बाद जब विदाई की बारी आई तो लोगों में इस अनोखी विदाई देखने की चाह उमड़ पड़ी. इस विदाई को देखने के लिए मैदान में हेलीकॉप्टर के चारों तरफ भारी भीड़ जमा हो गई. भीड़ में बच्चे और महिलाओं के अलावा तमाम बुजर्ग भी नजर आ रहे थे. भीड़ तब तक टकटकी लगाए उड़नखटोले को देखता रही जब तक की वह उड़ कर आंखों से ओझल नहीं हो गया. परिजनों में भी विदाई के गम से ज्यादा उड़नखटोले का क्रेज दिखा. गांव वालों के लिए ये किसी अजूबे से कम नहीं था|वहीँ इस अनोखे विदाई को देखने के लिए भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गयी थी की उसे सँभालने के लिए पुलिस और फायर ब्रिगेड की एक दमकल भी मौजूद थी.
वही इस पिता की इस कोशिश के लिए वहां के सभी लोग उनके इस जज्बे को सलाम करते हैं. क्योंकि इससे समाज को एक संदेश मिलता है कि अब जमाना बदल चुका है. बेटियों को भी बेटों के समान अधिकार हैं.