लखनऊ । उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक राज्यपाल डॉ.अजीज कुरैशी ने महिलाओं के साथ दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं को लेकर दिए अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया। उधर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यपाल पर पलटवार करते हुए कहा कि वह इस संवैधानिक पद पर रहने योग्य नहीं हैं। राजभवन में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए डॉ. कुरैशी ने कहा ‘‘मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया। मेरे कहने का मतलब यह था कि चाहे सेना लगा दीजिए या फिर भगवान खुद किसी अवतार में पृथ्वी पर आ जाएं फिर भी रेप की घटनाएं 1०० फीसदी नहीं रोकी जा सकती।’’ कुरैशी ने मोहनलालगंज में एक महिला की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना पर कहा कि वह भी पुलिस के तर्क से सहमत नहीं हैं। ऐसा जघन्य अपराध केवल एक आदमी अकेले नहीं कर सकता है। जौहर विश्वविद्यालय को मान्यता प्रदान किए जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्होंने जो भी किया है वह कानून के तहत ही किया है। उधर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने प्रदेश में दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर राज्यपाल द्वारा दिए गए बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपने आगमन के आगाज और विदाई काल तक महामहिम कुरैशी ने जो आचारण व व्यवहार रखा वह राज्यपाल के पद व गरिमा के अनुरूप नहीं रहा। अब उनका यह बयान कि ‘भगवान भी धरती पर उतर आए तो दुष्कर्म की घटनाओं को रोक नहीं सकते’ ने राज्यपाल के पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। डॉ. वाजपेयी ने कहा कि राज्यपाल ने जाते-जाते जो बयान दिया है उससे प्रतीत होता है कि उनकी मानसिक अवस्था ठीक नहीं है। उन्होंने कहा ‘‘महामहिम के आचरण व बयानों से ऐसा प्रतीत होता है कि वे किसी भी संवैधानिक पद पर रहने योग्य नहीं हैं।’’ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने राज्यपाल से मांग की कि वे संवैधानिक मुखिया होने के नाते अपने बयान पर खेद प्रकट करते हुए प्रदेश की 21 करोड़ जनता से माफी मांगें। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व कुरैशी ने कहा था कि उप्र में जो कुछ हो रहा है उसे दुनिया की कोई पुलिस नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा कि उप्र में दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार की तरफ से पूरी कोशिश हो रही है।