मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। अब केंद्र सरकार ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को एक खत लिखकर उनसे उनके उत्तराधिकारी का नाम पूछा है। चीफ जस्टिस मिश्रा आने वाले कुछ दिनों में इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के किसी वरिष्ठ जज के नाम की सिफारिश कर सकते हैं। हालांकि अगर वरिष्ठतम की बात करें तो इस हिसाब से मुख्य न्यायाधीश की रेस में जस्टिस रंजन गोगोई सबसे आगे चल रहे हैं।
दीपक मिश्रा होंगे 2 अक्टूबर को रिटायर
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कानून मंत्रालय ने औपचारिक लेटर लिखकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को अगले चीफ जस्टिस का नाम बताने को कहा है। चीफ जस्टिस मिश्रा 2 अक्टूबर को रिटायर होने वाले हैं और उन्हें अपने रिटायर होने के कम से कम एक महीने पहले सरकार को अगले चीफ जस्टिस के लिए नाम का सुझाव देना है।
नियमों के मुताबिक, सरकार सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से उनके उत्तराधिकारी का नाम पूछती है और सीजेआई के सुझाए नाम पर ही सरकार अपनी मुहर लगाती है रिपोर्ट के मुताबिक, चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा सितंबर के पहले हफ्ते तक सरकार को नाम का सुझाव दे सकते हैं।
जस्टिस गोगोई ने उठाया था चीफ जस्टिस के काम काज पर सवाल
बता दें कि जस्टिस रंजन गोगोई असम से हैं और फिलहाल चीफ जस्टिस मिश्रा के बाद सुप्रीम कोर्ट में सबसे वरिष्ठ हैं। जस्टिस गोगोई सुप्रीम कोर्ट के उन चार जजों में शामिल रहे हैं, जिन्होंने जनवरी 2018 में सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही और चीफ जस्टिस के खिलाफ सवालिया निशान लगाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट के कामकाज के तरीके और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए गए थे।
कौन बन सकता है मुख्य न्यायाधीश
अगर संविधान की बात करें तो भारत के संविधान में इस बात का कोई ब्योरा नहीं मिलता है कि देश के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति कैसे होती है? अनुच्छेद 124 (1) कहता है कि भारत में एक सर्वोच्च न्यायालय होगा, जिसमें एक मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति होगी। लेकिन इस अनुच्छेद में इस बात का जिक्र नहीं है कि मुख्य न्यायाधीश की योग्यता और उसकी नियुक्ति कैसे होगी।
संविधान में सिर्फ अनुच्छेद 126 ही है, जो सीजेआई की नियुक्ति पर कहता है, इसमें कार्यकारी सीजेआई की नियुक्ति के बारे में कहा गया है। मजेदार बात यह है कि मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति को लेकर कोई संवैधानिक प्रावधान की जानकारी नहीं दी गई है और यही वजह है कि जब भी मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति में परंपराओं का सहारा लेना पड़ता है।
जहां तक परंपराओं का सवाल है तो ये एकदम सीधा सा है, जब मौजूदा सीजेआई 65 साल की उम्र में रिटायर होते हैं तब सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज बतौर सीजेआई उनकी जगह लेंगे।
बता दें कि यहां पर जज की उम्र का सवाल नहीं होता, बल्कि ये निर्भर करता है कि किसी भी जज को कब सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया। और जो जज जितने लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में है, वो उतना ही सीनियर माना जाता है।